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This Article is From Jun 25, 2023

Explainer : सेंट पीटर्सबर्ग में रेस्त्रां चलाने वाला प्रिगोझिन कैसे पुतिन का दोस्त और फिर बना दुश्मन

62 साल के येवगेनी प्रिगोझिन (Yevgeny Prigozhin) को  1981 में हमले और डकैती का दोषी ठहराया गया था और 12 साल जेल की सजा सुनाई गई थी.

येवगेनी प्रिगोझिन और पुतिन की लंबे समय तक दोस्ती रही थी

नई दिल्ली:

येवगेनी प्रिगोझिन (Yevgeny Prigozhin) कौन है जो सुपरपावर रूस को देश के अंदर ही चुनौती दे रहा था? भाड़े के सैनिकों, वैगनर ग्रुप का ये नेता शनिवार को परमाणु हथियारों से लैस रूस की राजधानी मास्को में अपने लड़ाकों के साथ घुसने को तैयार था. असल में प्रिगोझिन अब तक व्लादिमीर पुतिन का वफादार समर्थक रहा था लेकिन शनिवार को एक समय ऐसा लग रहा था कि प्रिगोझिन पुतिन का तख्तापलट करने को तैयार है. कैसे ये संकट शुरू हुआ और कैसे खत्म हुआ ये समझने से पहले बताते हैं कि ये प्रिगोझिन आखिर है कौन?

येवगेनी प्रिगोझिन कौन है?

62 साल के येवगेनी प्रिगोझिन को 1981 में हमले और डकैती का दोषी ठहराया गया था और 12 साल जेल की सजा सुनाई गई थी. उसने नब्बे के दशक में सेंट पीटर्सबर्ग में एक रेस्तरां खोला था. इसी दौरान उसकी व्लादिमीर पुतिन से दोस्ती हो गई और उसे 'पुतिन का शेफ' कहा जाने लगा. पुतिन का कद बढ़ता गया और वो उस समूह का हिस्सा बन गया जो सोवियत नेता जोसेफ स्टालिन का सम्मान करता था. बाद के दिनों में प्रिगोझिन ने भाड़े के सैनिकों के वैगनर समूह का गठन किया, जिसने 2014 में क्रीमिया और उत्तरी अफ्रीका और सीरिया में लड़ाई में हिस्सा लिया.

वैगनर ग्रुप यूक्रेन में रूस की तरफ से लड़ रहा था. इस ग्रुप में ढेर सारे रूसी कैदियों को रिहा कर शामिल किया गया है. इन्हें आजादी का लालच दिया गया था. लेकिन इनमें से हजारों सैनिकों की युद्ध के दौरान मौत हो गई. 

येवगेनी प्रिगोझिन - गुमनामी से लेकर पुतिन के दुश्मन नंबर 1 तक

दिसंबर 2016 में... अमेरिका ने प्रिगोझिन सहित 15 रूसियों पर प्रतिबंध लगाए थे. वैगनर समूह ने 2014 में यूक्रेन से क्रीमिया पर कब्ज़ा करने में रूस की मदद की थी. इसीलिए यदि आप किसी भी यूक्रेनी नेता से पूछेंगे कि रूस के साथ युक्रेन की युद्ध की शुरुआत कब हुई तो उनका जवाब होगा 2014 न कि 2022. फरवरी 2018 में प्रिगोझिन को अमेरिकी ग्रैंड जूरी द्वारा 2016 के राष्ट्रपति चुनाव में हस्तक्षेप करने के लिए दोषी ठहराया गया था. आरोप था कि प्रिगोझिन ने डोनाल्ड ट्रम्प के अभियान के समर्थन में फर्जी खबरें फैलाने में मदद की थी. 

पुतिन के साथ कब बिगड़े रिश्ते?

पिछले साल अक्टूबर में पुतिन और प्रिगोझिन के बीच रिश्ते खराब होने लगे. यूक्रेन में लड़ने के लिए बुलाए जाने के बाद प्रिगोझिन ने पूर्वी यूक्रेन में रणनीतिक रूसी शहर लिमन से हटने के रूसी फैसले का विरोध किया था. उसने कहा कि यह वापसी रूस के लिए एक बड़ी शर्मिंदगी थी.

इस साल फरवरी में प्रिगोझिन ने रूसी रक्षा मंत्री सर्गेई शोइगु और पुतिन के सबसे वरिष्ठ जनरल वालेरी गेरासिमोव पर अपने वैगनर समूह को नष्ट करने के लिए गोला-बारूद और आपूर्ति रोकने का आरोप लगाया था.  पिछले महीने मई में तब रूसी सरकार और प्रिगोझिन के बीच रिश्ते और खराब हुए जब उसने पूर्वी यूक्रेनी शहर बखमुत से अपने सैनिकों को वापस बुलाने की धमकी दी. जहां, अंततः उसके लड़ाकों ने यूक्रेन को एक भीषण युद्ध में हरा दिया. बखमुत में रूस-युक्रेन  युद्ध की अब तक की सबसे महंगी लड़ाई लड़ी गई थी.

आदेश पर हस्ताक्षर करने से कर दिया था इनकार

इस महीने येवगेनी प्रिगोझिन ने एक आदेश पर हस्ताक्षर करने के आदेश का पालन करने से इनकार कर दिया था. जिसके तहत उसके लड़ाकों को रूसी रक्षा मंत्री के साथ एक करार पर हस्ताक्षर करने को कहा गया था. पिछले शुक्रवार को चीजें एक महत्वपूर्ण मोड़ पर पहुंच गईं जब प्रिगोझिन ने कहा कि यूक्रेन पर रूसी आक्रमण एक रैकेट था और युद्ध की आवश्यकता नहीं थी. उसने आरोप लगाया कि युद्ध सिर्फ कुछ जनरलों को सम्मान देने के लिए किया जा रहा है.

आख़िरकार... शुक्रवार और शनिवार को... प्रिगोझिन ने यूक्रेन से अपने सैनिकों को रूस आने के लिए कह दिया. उसने रोस्तोव शहर पर कब्ज़ा कर लिया, जहां से यूक्रेन के खिलाफ ऑपरेशन को संभाला जा रहा था. कहा जाने लगा कि वो  मॉस्को में  तख्तापलट करना चाहता है. 

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