चीन (China) के राष्ट्रपति शी चिनफिंग (Xi Jinping) ने बुधवार को पाकिस्तान (Pakistan) के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) के साथ बातचीत में वहां चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (CPEC) की परियोजनाओं पर काम कर रहे चीनी नागरिकों की सुरक्षा को लेकर ‘गहन चिंता' प्रकट करते हुए उनके लिए सुरक्षित माहौल की जरूरत बताई.शहबाज शरीफ दो दिन की चीन यात्रा पर मंगलवार रात बीजिंग पहुंचे. उन्होंने चिनफिंग से मुलाकात की और इस दौरान दोनों ने अपनी सदाबहार दोस्ती को और मजबूत करने तथा 60 अरब डॉलर लागत वाले सीपीईसी को लेकर सहमति जताई.
भारत लगातार CPEC परियोजना पर आपत्ति जताता रहा है. यह परियोजना पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) से होकर गुजरती है.
शी ने यहां ग्रेट हॉल ऑफ पीपुल में शरीफ से मुलाकात के दौरान कहा, ‘‘मैं पाकिस्तान में चीन के लोगों की सुरक्षा को लेकर बहुत चिंतित हूं और उम्मीद करता हूं कि पाकिस्तान चीनी संस्थानों तथा सहयोग के लिए पाकिस्तान जाने वाले लोगों के लिए भरोसेमंद एवं सुरक्षित माहौल प्रदान करेगा.''
शरीफ पहले शासन प्रमुख हैं जिन्होंने हाल में हुई कम्युनिस्ट पार्टी की कांग्रेस में 69 वर्षीय शी को अभूतपूर्व तरीके से पांच साल के तीसरे कार्यकाल के लिए चुने जाने पर उन्हें मिलकर बधाई दी.
शी ने पाकिस्तान में काम कर रहे चीनी नागरिकों पर बलोच नेशनलिस्ट आर्मी और अन्य उग्रवादी समूहों द्वारा बार-बार हमलों को लेकर करीब दो महीने के अंदर दूसरी बार चिंता प्रकट की है. ये समूह सीपीईसी के तहत अशांत प्रांत में चीनी निवेश का विरोध कर रहे हैं.
शरीफ की यह यात्रा अप्रैल में प्रधानमंत्री पद संभालने के बाद से उनकी पहली चीन यात्रा है. हालांकि प्रधानमंत्री बनने के बाद शी के साथ उनकी यह दूसरी मुलाकात है। उन्होंने पिछले महीने उज्बेकिस्तान के समरकंद में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) से इतर शी से मुलाकात की थी।
समरकंद में शहबाज से मुलाकात के दौरान शी ने सीपीईसी की परियोजनाओं पर काम कर रहे सैकड़ों चीनी श्रमिकों के संरक्षण की बात कही थी।
खबरों के अनुसार अपने कामगारों पर बार-बार हमलों के बीच चीन पाकिस्तान पर चीनी सुरक्षा एजेंसियों को अपने नागरिकों की सुरक्षा की अनुमति देने के लिए दबाव बना रहा है.
शरीफ से मुलाकात में शी ने कहा कि चीन और पाकिस्तान अच्छे दोस्त, अच्छे साझेदार और अच्छे भाई हैं और उन्होंने इस उथल-पुथल वाली दुनिया में एक दूसरे का समर्थन करके मजबूत दोस्ती प्रकट की है.
उन्होंने कहा, ‘‘चीन ने दोनों देशों के रिश्ते को हमेशा रणनीतिक महत्व तथा दीर्घकालिक नजरिये से देखा है और पाकिस्तान को अपने पड़ोस से संबंधित कूटनीति में हमेशा प्राथमिकता में रखा है.''
शी ने कहा कि चीन चौतरफा रणनीतिक सहयोग को बढ़ाने, नये युग में साझा भविष्य के लिए चीन-पाकिस्तान समुदाय के निर्माण को गति प्रदान करने तथा सदाबहार रणनीतिक सहयोग साझेदारी में नयी ऊर्जा भरने की दिशा में काम करना चाह रहा है,
उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों को परियोजनाओं के निर्माण को और अधिक प्रभावी तरीके से बढ़ावा देने के लिए तथा इसे बीआरआई की उच्च गुणवत्ता वाली विकास परियोजना बनाने के लिए सीपीईसी की संयुक्त सहयोग समिति की प्रणाली का सदुपयोग करना चाहिए.
हालिया खबरों में कहा गया कि चीन सीपीईसी में देरी को लेकर बहुत नाखुश है जिस पर शरीफ का कहना है कि नयी समयसीमा में पूरा करने के लिए इसे प्राथमिकता दी जाएगी.
शी ने कहा, ‘‘हमें ग्वादर बंदरगाह के सहायक ढांचे के निर्माण को तेज करना होगा.''
सीपीईसी शिनझियांग को बलोचिस्तान में पाकिस्तान के रणनीतिक महत्व वाले ग्वादर बंदरगाह से जोड़ेगा.
चीनी राष्ट्रपति ने कहा, ‘‘दोनों पक्षों को मेनलाइन नंबर 1 रेलवे लाइन और कराची रिंग रेलवे परियोजना के उन्नयन तथा पुनर्निर्माण के जल्द क्रियान्वयन के लिहाज से परिस्थिति निर्माण के लिए संयुक्त प्रयास करने चाहिए.''
मेनलाइन नंबर 1 रेलवे लाइन से आशय कराची-पेशावर रेल लाइन से है जिसे पूर्ववर्ती इमरान खान सरकार ने आगे नहीं बढ़ाना चाहा क्योंकि इससे पाकिस्तान के कर्ज बोझ पर करीब 10 अरब डॉलर की लागत और बढ़ सकती थी.
पाकिस्तान से प्राप्त खबरों के अनुसार शहबाज चीन के नेताओं के साथ अपनी बातचीत में उनकी सरकार को और मदद के लिए अपना पक्ष रख सकते हैं ताकि वहां श्रीलंका जैसा संकट पैदा नहीं हो.
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के अनुसार पाकिस्तान का कुल गैर-पेरिस क्लब द्विपक्षीय कर्ज इस समय करीब 27 अरब डॉलर है जिसमें से चीन का कर्ज करीब 23 अरब डॉलर का है.
पाकिस्तान की सरकारी एपीपी समाचार एजेंसी के अनुसार शी ने शरीफ के साथ मुलाकात में पाकिस्तान में हाल में आई बाढ़ के पीड़ितों के लिए 50 करोड़ युआन की सहायता की घोषणा की थी। चीन ने बाढ़ राहत के लिए पहले 7 करोड़ डॉलर की घोषणा की थी.
शी ने शरीफ से कहा कि चीन विनाशकारी बाढ़ से प्रभावित हुए पाकिस्तान के लोगों के प्रति सहानुभूति रखता है और आपदा के बाद पुनर्निर्माण में पाकिस्तान की मदद के लिए अतिरिक्त आपातकालीन सहायता देगा.
शरीफ ने शी से कहा कि दुनिया चीन के बिना नहीं चल सकती.
चीन के बयान में शरीफ के हवाले से कहा गया, ‘‘दुनिया चीन के बिना नहीं चल सकती और कोई ताकत चीन के विकास को रोक नहीं सकती. ऐसा विश्वास है कि राष्ट्रपति शी चिनफिंग की दूरदर्शिता न केवल और अधिक उपलब्धियां अर्जित करने में चीन का नेतृत्व करती रहेगी, बल्कि दुनिया को भी उज्ज्वल भविष्य की ओर ले जाएगी.''
शरीफ ने कहा, ‘‘मैं कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना की ऐतिहासिक 20वीं नेशनल कांग्रेस के सफल समापन के बाद चीन यात्रा के लिए सबसे पहले आमंत्रित विदेशी नेताओं में शामिल होने पर बहुत प्रसन्न हूं. यह पाकिस्तान और चीन के बीच गहरी दोस्ती को दर्शाता है.''
उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ‘एक-चीन नीति' का पुरजोर समर्थक है और ताइवान, शिनझियांग एवं हांगकांग जैसे मुद्दों पर चीन के रुख का समर्थन करता है.
वार्ता के बाद शी ने ग्रेट हॉल ऑफ पीपुल के गोल्डन हॉल में शरीफ के सम्मान में भोज का आयोजन किया.
शहबाज चीन के प्रधानमंत्री ली क्विंग और चीन की संसद -नेशनल पीपल्स कांग्रेस (एनपीसी) के सभापति ली झान्शू से भी मुलाकात कर दोनों देशों के संबंधों पर चर्चा करेंगे. अधिकारियों के मुताबिक शहबाज की यात्रा के दौरान अनेक समझौतों पर दस्तखत किये जा सकते हैं.
देखें यह वीडियो भी :- शी के तीसरे कार्यकाल का भारत पर क्या असर?
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