लंदन:
दुनिया के सबसे लंबे विमान के औपचारिक अनावरण और ब्रिटेन में पहली टेस्ट उड़ान से पहले सोमवार को ही उसकी नई तस्वीरें जारी कर दी गई हैं।
एयरलैंडर 10 नामक यह विमान 92 मीटर लंबा है, और दुनिया के सबसे लंबे यात्री विमानों के मुकाबले भी इसकी लंबाई लगभग 15 मीटर ज़्यादा है। यह विमान भी है, क्योंकि यात्रियों को ले जा सकेगा, एयरशिप भी है, क्योंकि यह हवा से हल्की हीलियम गैस के सहारे उड़ेगा, और हेलीकॉप्टर भी है, क्योंकि इसे रन-वे की ज़रूरत नहीं। ब्रिटिश फर्म हाइब्रिड एयर व्हीकल्स (एचएवी) ने इस विमान को इस तरह से डिज़ाइन किया है कि यह हीलियम का उपयोग करते हुए तीन सप्ताह तक हवा में रह सकता है। वैसे, यह विमान 92 मील प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ भी सकता है।
92 मीटर लंबाई के अलावा 44 मीटर चौड़े और 26 मीटर ऊंचे इस विमान का अनावरण सोमवार को ही बेडफर्डशर में स्थित फर्स्ट वर्ल्ड वार एयरक्राफ्ट हैंगर में किया जाएगा, और यह अपनी पहली टेस्ट उड़ान पर भी कुछ ही हफ्ते में रवाना कर दिया जाएगा।
स्काई न्यूज़ के मुताबिक, चूंकि एयरलैंडर 10 हवा से भारी है, इसे नीचे उतरने के लिए रस्सियों के सहारे की ज़रूरत नहीं होगी, और यह बर्फ तथा पानी पर भी उतर सकेगा।
इस विमान को सबसे पहले वर्ष 2009 में निगरानी विमान के रूप में अमेरिकी सरकार के लिए विकसित किया गया था, लेकिन इसके उत्पादन पर रक्षा खर्चों में कटौती के चलते रोक लग गई।
एचएवी का मानना है कि एयरलैंडर 10 का इस्तेमाल निगरानी, संचार, मदद पहुंचाने और यहां तक कि यात्रियों को लाने-ले जाने जैसे बहुत-से कामों में किया जा सकेगा। उम्मीद की जा रही है कि एयरलैंडर 10 धीरे-धीरे इस तरह विकसित कर लिया जाएगा कि वह 50 टन तक सामान ले जा सके।
एचएवी का ज़ोर इस बात पर भी है कि चूंकि यह विमान कोई आवाज़ नहीं करता, और किसी तरह का प्रदूषण भी नहीं फैलाता, इसलिए यह हवाई सफर के क्षेत्र में नई क्रांति साबित हो सकता है।
कंपनी को उम्मीद है कि वह वर्ष 2018 तक प्रत्येक वर्ष 12 एयरलैंडर बना पाएगी, जिनमें से कुछ को यात्री विमानों की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है, और बीबीसी के मुताबिक, यह विमान एक वक्त में 48 यात्रियों तक को ले जा सकता है।
एयरलैंडर 10 नामक यह विमान 92 मीटर लंबा है, और दुनिया के सबसे लंबे यात्री विमानों के मुकाबले भी इसकी लंबाई लगभग 15 मीटर ज़्यादा है। यह विमान भी है, क्योंकि यात्रियों को ले जा सकेगा, एयरशिप भी है, क्योंकि यह हवा से हल्की हीलियम गैस के सहारे उड़ेगा, और हेलीकॉप्टर भी है, क्योंकि इसे रन-वे की ज़रूरत नहीं। ब्रिटिश फर्म हाइब्रिड एयर व्हीकल्स (एचएवी) ने इस विमान को इस तरह से डिज़ाइन किया है कि यह हीलियम का उपयोग करते हुए तीन सप्ताह तक हवा में रह सकता है। वैसे, यह विमान 92 मील प्रति घंटे की रफ्तार से उड़ भी सकता है।
92 मीटर लंबाई के अलावा 44 मीटर चौड़े और 26 मीटर ऊंचे इस विमान का अनावरण सोमवार को ही बेडफर्डशर में स्थित फर्स्ट वर्ल्ड वार एयरक्राफ्ट हैंगर में किया जाएगा, और यह अपनी पहली टेस्ट उड़ान पर भी कुछ ही हफ्ते में रवाना कर दिया जाएगा।
स्काई न्यूज़ के मुताबिक, चूंकि एयरलैंडर 10 हवा से भारी है, इसे नीचे उतरने के लिए रस्सियों के सहारे की ज़रूरत नहीं होगी, और यह बर्फ तथा पानी पर भी उतर सकेगा।
इस विमान को सबसे पहले वर्ष 2009 में निगरानी विमान के रूप में अमेरिकी सरकार के लिए विकसित किया गया था, लेकिन इसके उत्पादन पर रक्षा खर्चों में कटौती के चलते रोक लग गई।
एचएवी का मानना है कि एयरलैंडर 10 का इस्तेमाल निगरानी, संचार, मदद पहुंचाने और यहां तक कि यात्रियों को लाने-ले जाने जैसे बहुत-से कामों में किया जा सकेगा। उम्मीद की जा रही है कि एयरलैंडर 10 धीरे-धीरे इस तरह विकसित कर लिया जाएगा कि वह 50 टन तक सामान ले जा सके।
एचएवी का ज़ोर इस बात पर भी है कि चूंकि यह विमान कोई आवाज़ नहीं करता, और किसी तरह का प्रदूषण भी नहीं फैलाता, इसलिए यह हवाई सफर के क्षेत्र में नई क्रांति साबित हो सकता है।
कंपनी को उम्मीद है कि वह वर्ष 2018 तक प्रत्येक वर्ष 12 एयरलैंडर बना पाएगी, जिनमें से कुछ को यात्री विमानों की तरह इस्तेमाल किया जा सकता है, और बीबीसी के मुताबिक, यह विमान एक वक्त में 48 यात्रियों तक को ले जा सकता है।
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