विज्ञापन

92 साल की उम्र में फिर जीता राष्ट्रपति चुनाव, 43 से देश पर 'कब्जा'.... दुनिया के सबसे बूढ़े शासक से मिलिए

1960 में फ्रांस से आजादी के बाद कैमरून का नेतृत्व करने वाले पॉल बिया केवल दूसरे राज्य प्रमुख हैं. यानी आजादी के 65 सालों में इस देश को केवल दो ही राष्ट्रपति मिले हैं. है न कमाल!!

92 साल की उम्र में फिर जीता राष्ट्रपति चुनाव, 43 से देश पर 'कब्जा'.... दुनिया के सबसे बूढ़े शासक से मिलिए
  • कैमरून के राष्ट्रपति पॉल बिया ने आठवें कार्यकाल के लिए 53.66 प्रतिशत वोटों के साथ चुनाव जीत लिया है
  • पॉल बिया 92 वर्ष के हैं और 1982 से लगातार देश के राष्ट्रपति पद पर बने हुए हैं
  • विरोधी नेता तचिरोमा बेकरी ने चुनाव में धांधली का आरोप लगाते हुए अपनी जीत का दावा किया था
क्या हमारी AI समरी आपके लिए उपयोगी रही?
हमें बताएं।

दुनिया के सबसे उम्रदराज देश के मुखिया (हेड ऑफ स्टेट) पॉल बिया ने फिर से चुनाव जीत लिया है, उन्हें फिर से कैमरून के राष्ट्रपति चुनाव का विजेता घोषित किया गया है. इस जीत के साथ उन्हें आठवां कार्यकाल मिला है, जो उन्हें लगभग 100 वर्ष की आयु तक इस पद पर बनाए रख सकता है. बस कल्पना करिए- कोई नेता 100 साल की उम्र में किसी देश को चलाएगा... है न कमाल.

द गार्डियन की रिपोर्ट के अनुसार देश की संवैधानिक परिषद ने कहा कि पॉल बिया को 53.66% वोट मिले हैं, जबकि उनके पूर्व सहयोगी रहे विरोधी नेता तचिरोमा बेकरी को 35.19% वोट मिले हैं.

अब आप बस ये आंकड़ा सुनते जाइए. 92 वर्षीय पॉल बिया ने 1982 में पदभार संभाला था और तब से सत्ता पर मजबूत पकड़ बनाए रखी है. यानी वो पिछले 43 साल से यहां के राष्ट्रपति हैं और अब तो चुनाव जीतने के बाद एक और कार्यकाल मिल गया है. उन्होंने 2008 में राष्ट्रपति पद की सीमा समाप्त कर दी. यानी वो जितनी बार चाहें राष्ट्रपति का चुनाव लड़ सकते हैं और एक बार फिर वो चुनाव जीत गए हैं. परिणाम घोषित होने के बाद विरोधी नेता तचिरोमा ने न्यूज एजेंसी एएफपी से कहा, "कोई चुनाव नहीं था, बल्कि यह एक दिखावा था.. सच्चाई यह है कि हम स्पष्ट रूप से जीते हैं."

विरोधी खेमा वोटों की गिनती में धांधली का आरोप लगा रहा है. 12 अक्टूबर को हुए चुनाव के दो दिन बाद ही तचिरोमा ने जीत का दावा किया था. उन्होंने वोटों की एक टैली जारी करके दिखाया था कि उन्हें 54.8% वोट मिले थे, जबकि पॉल बिया को 31.3% वोट मिले थे. उनकी टीम ने कहा कि उनकी जीत 80% मतदाताओं का प्रतिनिधित्व करने वाले परिणामों पर आधारित थी जो उन्होंने जमा किए थे. हालांकि जब आधिकारिक रिजल्ट आया तो नजारा कुछ और दिखा.

1960 में फ्रांस से आजादी के बाद कैमरून का नेतृत्व करने वाले पॉल बिया केवल दूसरे राज्य प्रमुख हैं. यानी आजादी के 65 सालों में इस देश को केवल दो ही राष्ट्रपति मिले हैं. पॉल बिया ने सभी राजनीतिक और सशस्त्र विरोधों का दमन करते हुए, और सामाजिक उथल-पुथल, आर्थिक असमानता और अलगाववादी हिंसा के माध्यम से सत्ता पर कब्जा करते हुए, दृढ़ता से शासन किया है.

यह भी पढ़ें: अफ्रीका के इस देश में जिहादी विद्रोहियों ने सरकार को स्कूल-कॉलेज बंद करने पर कैसे मजबूर कर दिया?

NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं

फॉलो करे:
Listen to the latest songs, only on JioSaavn.com