संयुक्त राष्ट्र / वाशिंगटन / पेरिस:
संयुक्त राष्ट्र के महासचिव बान की मून ने भारत की आर्थिक राजधानी मुंबई में हुए शृंखलाबद्ध बम विस्फोटों के कड़ी निंदा की है। महासचिव के कार्यालय से जारी एक बयान में कहा गया है कि महासचिव (बान) मुंबई में हुए इस हमले की निंदा करते हैं, जिसमें बेकसूर लोग मारे गए और कई घायल हो गए हैं। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने भी इस घटना की कड़े शब्दों में निंदा की है। सुरक्षा परिषद ने इस जघन्य कृत्य में मारे गए पीड़ितों, उनके परिजनों, भारत सरकार और जनता के प्रति गहरी संवेदना व्यक्त की। संयुक्त राष्ट्र में जर्मनी के राजदूत और वर्तमान में सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष पीटर विटिग ने एक बयान में कहा कि सुरक्षा परिषद के सदस्यों ने फिर दोहराया है कि आतंकवाद किसी भी रूप में हो, वह अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए गंभीर खतरा है। अमेरिकी विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने इन विस्फोटों के बाद कहा कि वह सुरक्षा वार्ता पर अगले हफ्ते प्रस्तावित नई दिल्ली के दौरे पर जरूर जाएंगी। हिलेरी ने इस हमले की निंदा करते हुए कहा, मैं पूर्व नियोजित कार्यक्रम के तहत ही अगले हफ्ते भारत के दौरे पर जाऊंगी। मुझे लगता है कि इस वक्त भारत का साथ देने, आपसी सहयोग को बढ़ाने और आतंक के खिलाफ अपनी प्रतिबद्धताओं को दोहराने की सबसे अधिक जरूरत है। उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पहले भी आतंकी घटनाओं को झेल चुकी है और हमने उन्हें साहस और लचीलेपन के साथ इसका सामना करते देखा है। मुंबई विस्फोटों को अविवेकपूर्ण कार्रवाई बताते हुए अमेरिका के आला सांसदों ने कहा है कि भारत और अमेरिका के बीच अगले हफ्ते होने वाली रणनीतिक वार्ता में आतंकवाद से मुकाबले का मुद्दा शीर्षस्थ प्राथमिकता पर होना चाहिए। सांसदों ने अमेरिका से कहा है कि वह हमलावरों को कानून की जद में लाने के लिए पूरा समर्थन दे। कांग्रेसनल कॉकस ऑन इंडिया एंड इंडियन-अमेरिकन्स के सह अध्यक्ष और कांग्रेस के सदस्य एड रॉयस और जो क्राउले ने कहा, अगले सप्ताह भारत और अमेरिका के बीच नई दिल्ली में रणनीतिक वार्ता होनी है। ऐसे में विवेकहीन हमलों के चलते यह जरूरी हो जाता है कि दोनों देशों के बीच आतंकवाद निरोधक सहयोग सर्वोच्च प्राथमिकता पर हो। उन्होंने कहा, हम मुंबई में निर्दोष नागरिकों पर हुए हमले की निंदा करते हैं। जो कुछ भी हुआ, उसे न्यायसंगत नहीं ठहराया जा सकता। अपने कार्यक्षेत्र से घरों की ओर जा रहे लोगों पर हमला निंदनीय है। फ्रांस के राष्ट्रपति निकोलस सारकोजी के कार्यालय से जारी एक बयान में कहा गया है कि मुंबई शहर में फिर आतंकवादी हमले हुए हैं। ऐसे में गणतंत्र (फ्रांस) के राष्ट्रपति इस कायरतापूर्ण हिंसक घटना की कड़े शब्दों में निंदा करते हैं और संकट की इस घड़ी में भारतीय प्रशासन के साथ पूर्ण एकजुटता जताते हैं। बयान के मुताबिक, इस समय फ्रांस हर बार की तुलना में कहीं ज्यादा मजबूती से आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत के साथ खड़ा है। फ्रांस के विदेश मंत्री एलन जुप्पे ने पहले ही इन हमलों को बर्बरतापूर्ण करार देते हुए कहा है कि इनसे भय और आक्रोश की भावना जागी है।