लंदन:
भारतीय महिला दंत चिकित्सक सविता हल्लपनवार की त्रासद मौत के बाद आयरलैंड में गर्भपात के अधिकार को लेकर विरोध प्रदर्शन शुरू होने के बीच आयरिश प्रधानमंत्री इंडा केनी ने कहा कि वह विशेषज्ञ समूह की रिपोर्ट की प्रतिक्षा कर रहे हैं लेकिन कोई भी निर्णय करने में जल्दबाजी नहीं करेंगे।
केनी ने कहा कि उनकी सरकार रिपोर्टों को देखेगी और कोई भी निर्णय समय पर लेगी।
भारतीय दंत चिकित्सक सविता हल्लपनवार (31 वर्ष) की पिछले महीने आयरलैंड में उस समय मौत हो गई थी तब चिकित्सकों ने गर्भपात की प्रक्रिया शुरू होने के बावजूद उनके गर्भ निकालने के आग्रह को मानने से इनकार कर दिया था। सविता की रक्त विषाक्त के कारण तीन दिन बाद मौत हो गई।
इस मामले को लेकर आयरलैंड में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है और लोग इस अधिकार की मांग कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने खुद इस मामले की जांच रिपोर्ट देखने की बात कही है।
नई दिल्ली में शुक्रवार को आयरलैंड के राजदूत को बुलाया गया था और उन्हें इस मामले में देश की चिंता और रंज से अवगत कराया गया। भारत सरकार ने उम्मीद जाहिर की कि इस मामले में जांच निष्पक्ष होगी।
केनी का हवाला देते हुए सरकारी प्रसारक आरटीई न्यूज ने कहा कि विशेषज्ञ समूह की रिपोर्ट 27 नवंबर को मंत्रिमंडल के समक्ष पेश की जाएगी। आरटीई के अनुसार, उन्होंने कहा कि गर्भपात के मुद्दे पर वह दवाब में जल्दबाजी में कोई निर्णय नहीं करेंगे।
इससे पहले, स्वास्थ्य मंत्री जेम्स रेली ने कहा था कि सरकार कोई भी निर्णय समय पर करेगी। उन्होंने स्वीकार किया कि गर्भपात के अधिकार पर कैथोलिक देश में अलग-अलग विचार हैं लेकिन सरकार इस संवेदनशील मुद्दे से निपटने को प्रतिबद्ध है।
केनी ने कहा कि उनकी सरकार रिपोर्टों को देखेगी और कोई भी निर्णय समय पर लेगी।
भारतीय दंत चिकित्सक सविता हल्लपनवार (31 वर्ष) की पिछले महीने आयरलैंड में उस समय मौत हो गई थी तब चिकित्सकों ने गर्भपात की प्रक्रिया शुरू होने के बावजूद उनके गर्भ निकालने के आग्रह को मानने से इनकार कर दिया था। सविता की रक्त विषाक्त के कारण तीन दिन बाद मौत हो गई।
इस मामले को लेकर आयरलैंड में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया है और लोग इस अधिकार की मांग कर रहे हैं। प्रधानमंत्री ने खुद इस मामले की जांच रिपोर्ट देखने की बात कही है।
नई दिल्ली में शुक्रवार को आयरलैंड के राजदूत को बुलाया गया था और उन्हें इस मामले में देश की चिंता और रंज से अवगत कराया गया। भारत सरकार ने उम्मीद जाहिर की कि इस मामले में जांच निष्पक्ष होगी।
केनी का हवाला देते हुए सरकारी प्रसारक आरटीई न्यूज ने कहा कि विशेषज्ञ समूह की रिपोर्ट 27 नवंबर को मंत्रिमंडल के समक्ष पेश की जाएगी। आरटीई के अनुसार, उन्होंने कहा कि गर्भपात के मुद्दे पर वह दवाब में जल्दबाजी में कोई निर्णय नहीं करेंगे।
इससे पहले, स्वास्थ्य मंत्री जेम्स रेली ने कहा था कि सरकार कोई भी निर्णय समय पर करेगी। उन्होंने स्वीकार किया कि गर्भपात के अधिकार पर कैथोलिक देश में अलग-अलग विचार हैं लेकिन सरकार इस संवेदनशील मुद्दे से निपटने को प्रतिबद्ध है।
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