
- पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच हुए समझौते के तहत दोनों देश किसी भी आक्रामकता का संयुक्त रूप से मुकाबला करेंगे.
- पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि यह समझौता आक्रामक नहीं बल्कि रक्षा संबंधी व्यवस्था है.
- ख्वाजा आसिफ ने पुष्टि की कि युद्ध की स्थिति में पाकिस्तान सऊदी अरब को परमाणु हथियार सहित हर संभव मदद देगा.
पाकिस्तान और सऊदी अरब के बीच सैनिक समझौते को लेकर सबसे ज्यादा पाकिस्तान में ही हलचल है. हर कोई इस समझौते को समझने में लगा हुआ है. पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ लगातार इंटरव्यू दे रहे हैं और समझौते से जुड़े प्रश्नों के जवाब दे रहे हैं. एक इंटरव्यू में पाकिस्तानी एंकर ने अपने रक्षा मंत्री से जानना चाहा कि क्या पाकिस्तान पर भारत हमला करता है तो सऊदी अरब भी जंग में शामिल होगा और क्या सऊदी अरब की किसी अन्य मुल्क से जंग होती है तो क्या पाकिस्तान भी उस जंग में शामिल होगा?
ख्वाजा आसिफ का जवाब

इस पर ख्वाजा आसिफ ने कहा, "जी, बिल्कुल. इसमें कोई शक नहीं है. हमने किसी मुल्क का नाम नहीं लिया कि कौन मुल्क हमला करेगा तो हम जवाब देंगे. न सऊदी अरब ने नाम लिया है और न हमने कोई नाम लिया है. तो ये जस्ट एक अंबरेला है, जो दोनों तरफ से प्रोवाइड किया गया है कि किसी के साथ भी एग्रेशन हो, किसी साइड से भी एग्रेशन हो तो उस चीज को ज्वाइंटली डिफेंड किया जाएगा. उस एग्रेशन का जवाब दिया जाएगा. इट इज नॉट ए एग्रेसिव पैक्ट और डिफेंस अरेंजमैंट."
परमाणु हथियार भी देगा पाकिस्तान?
एक अलग इंटरव्यू में पाकिस्तान के रक्षा मंत्री से एंकर ने सवाल किया कि क्या जंग की सूरत में सऊदी अरब को परमाणु हथियार से भी पाकिस्तान मदद करेगा? इस पर ख्वाजा आसिफ ने कहा कि बिल्कुल. हम हर तरीके से सऊदी अरब की मदद करेंगे. ख्वाजा आसिफ ने कहा है कि इस रक्षा समझौते में अन्य अरब देश भी शामिल हो सकते हैं. किसी भी मुस्लिम मुल्क के लिए इस समझौते के लिए दरवाजे बंद नहीं हैं.

‘जियो न्यूज' को दिए एक साक्षात्कार में आसिफ ने कहा कि वह हमेशा से नाटो जैसे समझौते की वकालत करते रहे हैं, क्योंकि पाकिस्तान के लिए खतरे की स्थिति अधिक रही है. उन्होंने कहा, ‘‘मेरा मानना है कि यहां के देशों और लोगों, विशेष रूप से मुस्लिम आबादी का यह मौलिक अधिकार है कि वे मिलकर अपने क्षेत्र और राष्ट्रों की रक्षा करें.'' उन्होंने बताया कि इस समझौते में ऐसी कोई धारा नहीं है जो किसी अन्य राष्ट्र को शामिल होने से रोकती हो या पाकिस्तान को किसी और के साथ ऐसा ही समझौता करने से रोकती हो. उनसे पूछा गया कि क्या पाकिस्तान की परमाणु संपत्ति भी इस समझौते के तहत उपलब्ध होगी? इस पर आसिफ ने कहा, ‘‘हमारे पास जो क्षमताएं हैं, वे निश्चित रूप से इस समझौते के अंतर्गत उपलब्ध होंगी.'' उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने हमेशा अपनी परमाणु सुविधाएं निरीक्षण के लिए उपलब्ध कराई हैं और कभी कोई उल्लंघन नहीं किया.
भारत और अमेरिका क्या सोच रहे
A potentially consequential step in Pakistan-Saudi relations has been reportedly been announced, a mutual defense agreement (not on the level of a treaty, but it's not clear if Saudi Arabia and #Pakistan make a distinction between a treaty and an agreement) stating that any…
— Zalmay Khalilzad (@realZalmayMK) September 17, 2025
पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ की रियाद की राजकीय यात्रा के दौरान इस 'रणनीतिक पारस्परिक रक्षा समझौते' पर मुहर लगी है. समझौते पर सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान और पाकिस्तान के प्रधान मंत्री शहबाज ने हस्ताक्षर किए हैं. इस समझौते की दुनिया भर में चर्चा हो रही है. भारत सहित अमेरिका और इजरायल तक इस समझौते को लेकर चिंतन कर रहे हैं. भारत ने शुक्रवार को कहा कि वह उम्मीद करता है कि सऊदी अरब, पाकिस्तान के साथ अपने रणनीतिक रक्षा समझौते के मद्देनजर ‘‘पारस्परिक हितों और संवेदनशीलता'' को ध्यान में रखेगा. अफगानिस्तान और पाकिस्तान में लंबे अनुभव वाले पूर्व अमेरिकी डिप्लोमेट जल्मय खलीलजाद ने इस समझौते पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि यह "खतरनाक समय" में आया है. खलीलजाद ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "पाकिस्तान के पास परमाणु हथियार और डिलीवरी सिस्टम हैं जो इजरायल सहित पूरे मिडिल ईस्ट के किसी लक्ष्य तक पहुंच सकते हैं. वह ऐसे सिस्टम भी विकसित कर रहा है जो अमेरिका में लक्ष्य तक पहुंच सकते हैं."
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