यंगून:
ऐसी खबरें आ रही हैं कि पश्चिमी म्यामां में चल रही सांप्रदायिक हिंसा के बीच देश की लोकतंत्र समर्थक नेता आंग सांग सू ची ने रोहिंग्या मुसलमानों की ओर से बोलने से इनकार कर दिया है और जोर दिया कि वे इस अशांति में किसी भी पक्ष का समर्थन नहीं करेंगी।
नोबेल पुरस्कार विजेता आंग सांग सू ची के म्यामां के रखाइन राज्य में चल रही सांप्रदायिक हिंसा पर चुप्पी साधे रहने पर उनके अंतरराष्ट्रीय समर्थकों में इसे लेकर निराशा थी। उन्होंने कहा कि मुस्लिम और बौद्ध समुदाय दोनों ही इस बात से ‘असंतुष्ट’ हैं कि वह किसी का पक्ष नहीं ले रही हैं।
राज्य में गत जून महीने से भड़की इस हिंसा में एक लाख लोग विस्थापित हो चुके हैं। यहां पर पिछले महीने भड़की ताजा हिंसा में 30 हजार लोग पलायन कर गये हैं। इस हिंसा में बड़ी संख्या में लोग मारे गए हैं और हजारों घर जल गए हैं।
आंग सांग ने शनिवार को कहा, ‘‘मैं सहिष्णुता बरतने की अपील कर रही हूं लेकिन किसी को किसी के नैतिक नेतृत्व का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।’’
राजधानी नयप्यिदाउ में यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष जोसे मैनुअल बरोसो से बात के बाद आंग सांग ने कहा कि वह राज्यविहिन रोहिंग्या मुसलमानों के समर्थन में कुछ भी नहीं कह सकती हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं जानती हूं कि लोग चाहते हैं कि मैं किसी एक पक्ष का समर्थन करूं, इसीलिए दोनों ही पक्ष मुझसे असंतुष्ट हैं क्योंकि मैं उनके साथ एक पक्ष नहीं लूंगी।’’ उल्लेखनीय है कि म्यामां में रह रहे आठ लाख रोहिंग्या मुसलमानों को यहां की सरकार और कई लोग बांग्लादेश से आए अवैध प्रवासी मानते हैं।
नोबेल पुरस्कार विजेता आंग सांग सू ची के म्यामां के रखाइन राज्य में चल रही सांप्रदायिक हिंसा पर चुप्पी साधे रहने पर उनके अंतरराष्ट्रीय समर्थकों में इसे लेकर निराशा थी। उन्होंने कहा कि मुस्लिम और बौद्ध समुदाय दोनों ही इस बात से ‘असंतुष्ट’ हैं कि वह किसी का पक्ष नहीं ले रही हैं।
राज्य में गत जून महीने से भड़की इस हिंसा में एक लाख लोग विस्थापित हो चुके हैं। यहां पर पिछले महीने भड़की ताजा हिंसा में 30 हजार लोग पलायन कर गये हैं। इस हिंसा में बड़ी संख्या में लोग मारे गए हैं और हजारों घर जल गए हैं।
आंग सांग ने शनिवार को कहा, ‘‘मैं सहिष्णुता बरतने की अपील कर रही हूं लेकिन किसी को किसी के नैतिक नेतृत्व का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।’’
राजधानी नयप्यिदाउ में यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष जोसे मैनुअल बरोसो से बात के बाद आंग सांग ने कहा कि वह राज्यविहिन रोहिंग्या मुसलमानों के समर्थन में कुछ भी नहीं कह सकती हैं। उन्होंने कहा, ‘‘मैं जानती हूं कि लोग चाहते हैं कि मैं किसी एक पक्ष का समर्थन करूं, इसीलिए दोनों ही पक्ष मुझसे असंतुष्ट हैं क्योंकि मैं उनके साथ एक पक्ष नहीं लूंगी।’’ उल्लेखनीय है कि म्यामां में रह रहे आठ लाख रोहिंग्या मुसलमानों को यहां की सरकार और कई लोग बांग्लादेश से आए अवैध प्रवासी मानते हैं।
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