जब रूस (Russia) ने साल 2014 में क्रीमिया को यूक्रेन (Ukraine) से छीना तब रूस के पास बेहतर सेना थी. लेकिन आठ साल बाद हालात बदले हुए हैं. इसके कई कारण हैं. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, यूक्रेन को अमेरिका, यूरोप समेत साथी देशों ने आधुनिक हथियार दिए हैं, बेहतर प्रशिक्षण दिया है और यूक्रेन की सेना का मनोबल भी बेहतर है. यूक्रेन की खुफिया एजेंसियों को अमेरिका से मदद मिल रही है और वहीं रूसी जनरल बड़ी रणनीतिक गलतियां कर रहे हैं. लेकिन सोवियत पृष्ठभूमि पर खड़ी यह दोनों सेनाएं अलग तरह से युद्ध लड़ रही हैं. इसका असर युद्धक्षेत्र पर साफ है.
यूक्रेन की सेनाएं सितंबर से तेजी से रूस से युद्ध लड़ रही हैं और रूसी सेना को अपने इलाके से खदेड़ रही हैं. खारकीव से लेकर खेरसॉन तक यूक्रेन ने कई जगह से रूसी सेना को पीछे हटने पर मजबूर किया है. इससे पहले अप्रेल में यूक्रेन ने राजधानी कीव से रूसी सेना को लौटने को मजबूर किया था. शनिवार को रूस से क्रीमिया को जोड़ने वाले पुल पर भी धमाका हुआ.
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने गुरुवार को कहा था, कि "जब पुतिन परमाणु हमले की चेतावनी दे रहे हैं तो वो मजाक नहीं कर रहे क्योंकि उनकी सेना निराशाजनक प्रदर्शन कर रही है."
रूसी सेना के खराब प्रदर्शन के कारण रूस में आलोचना मिली है. चेचन लड़ाके रमजान काद्रियोव से लेकर मर्सनरी चीफ येवगेनी प्रिगोजिन तक सभी ने रूसी सैन्य कमांडरों की खामियों को उजागर किया. शनिवार को पुतिन ने पहली बार सार्वजनिक तौर पर अपने जनरल सर्गेई सुरोविकिन को पूरे यूक्रेन ऑपरेशन की जिम्मेदारी दी. सुरोविकिन रूसी एयरफोर्स के चीफ हैं और अभी तक दक्षिणी थिएटर कमांड में आक्रमण के इंचार्ज थे.
रूसी सैन्य मंत्रालय के करीबी लोगों का कहना है कि वो युद्ध की शुरुआत से ही यूक्रेन के अधिक विकसित कमांड ढांचे को पहचान रहे हैं. रूसी सेना के ब्लॉगर इस बीच यूक्रेनी सेना की छोटी मोबाइल यूनिट्स से होने वाले हमलों से हैरान हैं.
साल 2015 की हार के बाद यूक्रेन ने अपनी सेना को दोबारा से खड़ा किया है. रूस कई सालों से यूक्रेन को सेना विहीन बनाने की योजना बना रहा है. लेकिन पुतिन ने जब इस साल युद्ध शुरू किया तब यूक्रेन में उसका सामना ऐसी सेना से हुआ जो पहले से कहीं अधिक मजबूत थी.
यूक्रेन की सेना में अब सबसे निचले स्तर पर फैसले लिए जाने का भी अधिकार है, यह यूक्रेन में सैन्य सुधार से संभव हुआ जो रूस की सेना में अब तक नहीं हो पाया.
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं