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ईरान के दावे का पाकिस्तान को क्यों करना पड़ा खंडन, लड़ाई अगर भारत के पड़ोस में आई तो...

ईरान ने दावा किया था कि इजरायल के परमाणु हमले की दिशा में पाकिस्तान इजरायल पर परमाणु हमला करेगा. ईरान के इस दावे का पाकिस्तान के दावे का खंडन किया है. जानें क्या है इसकी वजह.

ईरान के दावे का पाकिस्तान को क्यों करना पड़ा खंडन, लड़ाई अगर भारत के पड़ोस में आई तो...
  • पाकिस्तान ने ईरान का समर्थन करते हुए इजरायल के खिलाफ इस्लामिक एकता की अपील की है.
  • ईरानी जनरल के बयान पर पाकिस्तान ने इजरायल पर परमाणु हमले करने की संभावना से इनकार किया है.
  • इजरायल के प्रधानमंत्री ईरान और पाकिस्तान के परमाणु हथियारों पर चिंता जता चुके हैं.
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नई दिल्ली:

ईरान और इजरायल के बीच तनाव के बीत पाकिस्तान ने ईरान का साथ दिया है. पाकिस्तान ईरान के समर्थन में खुलकर आ गया है.पिछले दिनों ईरान के इस्लामिक रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स (आईआरजीसी) के वरिष्ठ जनरल और राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के सदस्य मोहसिन रेजाई ने कहा था कि पाकिस्तान ने कहा है कि अगर इजरायल परमाणु मिसाइलों का उपयोग करता है, तो वह उस पर परमाणु हथियारों से हमला करेगा. ईरान के इस दावे का पाकिस्तान ने सोमवार को खंडन कर दिया. पाकिस्तान ने खंडन तो जरूर कर दिया. लेकिन ईरान और पाकिस्तान के रिश्ते किसे से छिपे नहीं हैं. इसे देखते हुए ही इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने पाकिस्तान का भी नाम लिया था. उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा था कि दो इस्लामिक देशों ईरान और पाकिस्तान के पास परमाणु बम नहीं होने चाहिए. ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि ईरान-इजरायल तनाव क्या भारत के पड़ोसी पाकिस्तान तक पहुंच सकता है. 

क्या पाकिस्तान करेगा परमाणु बम से हमला

ईरान पर हमलों के बाद पाकिस्तान ने ईरान के साथ खड़े होने की बात कही थी. उसने इजरायल के खिलाफ मुस्लिम एकता की अपील की थी. लेकिन पाकिस्तान के किसी अधिकारी ने इजरायल के खिलाफ परमाणु हथियारों के इस्तेमाल की संभावना को लेकर कोई बयान नहीं दिया था. आईआरजीसी के जनरल के दावे को पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने खारिज कर दिया है. उन्होंने कहा है कि पाकिस्तान ने इजरायल के खिलाफ परमाणु हमले की कोई बात नहीं की. आसिफ ने इससे पहले 14 जून को पाकिस्तानी संसद में कहा था कि इजरायल ने ईरान, यमन और फिलस्तीन पर हमले किए हैं. अगर मुस्लिम देश अब एकजुट नहीं हुए, तो हर देश को ऐसा ही हश्र भुगतना पड़ेगा. आसिफ ने कहा था कि इस मुश्किल वक्त में हम हर तरह से ईरान के साथ खड़े हैं. ईरानी हमारे भाई हैं. उनका दुख हमारा दुख है. 

पाकिस्तान के इस इनकार के पीछे दरअसल इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के पुराने इंटरव्यू को कारण बताया जा रहा है. एक टीवी चैनल को दिए इंटरव्यू में नेतन्याहू ने जिन दो देशों के पास किसी भी सूरत में परमाणु बम ना होने देने की बात कही है, वो देश हैं ईरान और पाकिस्तान. नेतन्याहू के इस इंटरव्यू की क्लिप पाकिस्तान के सोशल मीडिया में वायरल है. इस इंटरव्यू में नेतन्याहू से परमाणु खतरे को लेकर सवाल किया गया है. इस सवाल पर नेतन्याहू कहते हैं,''कट्टरपंथी मिजाज वाले देशों के पास परमाणु बम होना इजरायल ही नहीं दुनिया के लिए खतरा है. इसमें एक नाम ईरान का है, जो परमाणु बम बनाने की कोशिश में हैं, वहीं दूसरा नाम पाकिस्तान का है, जिसके पास परमाणु हथियार मौजूद हैं. हम नहीं चाहते हैं कि इन देशों के पास परमाणु बम हो.''

पाकिस्तान का परमाणु कार्यक्रम और इजरायल

ऐसे में यह लड़ाई भारत के पड़ोस तक पहुंच सकती है. यह भारत के लिए मुफीद मौका हो सकता है, क्योंकि पाकिस्तान का परमाणु संपन्न होना भारत की सुरक्षा के लिए खतरा है. वहीं पाकिस्तान में सरकार और सेना जिस तरह से आतंकवादी संगठनों और आतंकवादियों को संरक्षण देती है, उससे परमाणु हथियारों के हाथ में पड़ जाने का खतरा है. इसे देखते हुए ही इजरायल ने 1980 के दशक में पाकिस्तान के परमाणु प्रतिष्ठानों पर हमले की योजना बनाई थी. भारत ने योजना को मंजूरी देने के बाद अचानक से मंजूरी वापस ले ली थी. पाकिस्तान के काहुटा परमाणु प्रतिष्ठान पर गुजरात के जामनगर से हमले की योजना थी.लेकिन भारत के पीछे हट जाने की वजह से यह योजना पूरी नहीं हो पाई थी और पाकिस्तान परमाणु हथियार बनाने में सफल हो गया. इससे पता चलता है कि इजरायल की नजर पाकिस्तान के परमाणु हथियार कार्यक्रम पर बहुत पहले से है. 

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