
जो जेहादी जनरल धर्म का इस्तेमाल करके जहरीली जुबान बोलता है, भारत के खिलाफ हिंसा का आह्वान करता है, जो पुलवामा से पहलगाम तक खूनी खेल खेलता है, उसके साथ दुनिया में खुद को लोकतंत्र और मानवाधिकार का अगुवा बनने वाले देश का राष्ट्रपति लंच करने निकला है. कमाल है न! हम बात कर रहे हैं पाकिस्तान के आर्मी चीफ आसिम मुनीर की जिसके साथ अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप 18 जून को व्हाइट हाउस के कैबिनेट रूम में मिलने वाले हैं, एक साथ दोपहर का खाना खाने वाले हैं.
लोग सवाल उठा रहे हैं कि जिस मुनीर का खुद पाकिस्तान के लोग अमेरिका के अंदर खुला विरोध कर रहे हैं उनको छोड़कर क्या ट्रंप को अपना निवाला निगलने के लिए दुनिया में कोई और साथी नहीं मिला. हालांकि जियोपॉलिटिक्स को समझने वाले एक्सपर्ट ट्रंप के इस कदम के पीछे एक खास एजेंडा देखते हैं- ईरान, जो अभी इजरायल के साथ जंग लड़ रहा है. दोनों के बीच यह बैठक ऐसे समय में हो रही है जब अमेरिका मिडिल ईस्ट में जारी संकट को समाप्त करने का प्रयास कर रहा है.
ट्रंप, मुनीर और ईरान एजेंडा
साउथ एशिया एनालिस्ट माइकल कुगेलमैन ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट में ट्रंप और मुनीर की इस बैठक की अहमीयत पर प्रकाश डाला. उन्होंने लिखा, "अमेरिका के सीनियर अधिकारी अक्सर पाकिस्तानी सेना प्रमुखों के साथ बातचीत करते हैं, लेकिन शायद ही कभी अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा व्हाइट हाउस में किसी की मेजबानी की गई हो. कई कारणों में से एक यह है कि मुनीर की ट्रंप के साथ निर्धारित बैठक बहुत महत्वपूर्ण है, खासकर जब उनका प्रशासन ईरान में युद्ध के संबंध में अपने विकल्पों पर विचार कर रहा है."
राष्ट्रीय सुरक्षा और इंडो-पैसिफिक एनालिस्ट डेरेक जे. ग्रॉसमैन ने कहा, "भारत, यह आवाज उठाने का समय है! ट्रंप इस सप्ताह व्हाइट हाउस में पाकिस्तानी फील्ड मार्शल असीम मुनीर से मिलने वाले हैं, जिसे नई दिल्ली भारतीयों पर हमलों के पीछे आतंकवादी मास्टरमाइंड मानता है."
24 साल बाद पाक आर्मी चीफ से मिल रहे अमेरिकी राष्ट्रपति, लेकिन..
मौजूदा अमेरिकी राष्ट्रपति से मिलने वाले आखिरी पाकिस्तानी आर्मी चीफ 2001 में जनरल परवेज़ मुशर्रफ थे. लेकिन यहां खास बात यह है कि मुशर्फ ने एक सैन्य तानाशाह के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान पाकिस्तान के प्रमुख के रूप में ऐसा किया था.
ट्रंप-मुनीर की मुलाकात उन अटकलों के बीच होने जा रही है कि इजरायल के साथ चल रहे संघर्ष के दौरान पाकिस्तान ईरान को सहायता दे सकता है. वाशिंगटन डीसी में एक सार्वजनिक संबोधन में मुनीर ने इजरायल के साथ युद्ध में ईरान के लिए पाकिस्तान के "स्पष्ट और मजबूत" समर्थन की घोषणा की थी, साथ ही तनाव को कम करने के अमेरिकी प्रयासों का भी समर्थन किया था.
पाकिस्तानी अखबार द डॉन ने बताया है कि मुनीर की यात्रा के दौरान सबसे परिणामी घटनाक्रमों में से एक, अमेरिका के साथ पाकिस्तान की मजबूत आतंकवाद विरोधी साझेदारी रही है, खासकर इस्लामिक स्टेट खुरासान (IS-K) समूह के खिलाफ.
अमेरिका में पाकिस्तानी ही कर रहे मुनीर का विरोध
अमेरिका में रह रहे पाकिस्तानियों ने वाशिंगटन डीसी के एक होटल में एक कार्यक्रम के बाहर फील्ड मार्शल मुनीर के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था. कार्यक्रम में जब मुनीर का स्वागत किया जा रहा था तो लोगों ने "पाकिस्तानियों के कातिल" और "इस्लामाबाद के कातिल" के नारे लगाए.
एक्स पर विरोध प्रदर्शन का वीडियो शेयर करते हुए, पाक तहरीक-ए-इंसाफ (इमरान खान की पार्टी) ने कहा, "वाशिंगटन, डीसी में पाकिस्तानी-अमेरिकी फोर सीजन्स होटल के बाहर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं, जो जनरल आसिम मुनीर को पाकिस्तान के लोगों के खिलाफ किए गए अपराधों की याद दिला रहे हैं."
वीडियो में दिखा कि असीम मुनीर की तस्वीर के साथ एक मैसेज भी लिखा था, "मास मर्डरर असीम मुनीर", "जब बंदूकें बोलती हैं तो लोकतंत्र मर जाता है", और असीम मुनीर, आपका समय समाप्त हो गया है, पाकिस्तान का उदय होगा.”
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