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This Article is From May 08, 2016

बांग्लादेश : हिंदू दर्जी की हत्या के बाद परिवार का सवाल 'अब कौन हमारा ख्याल रखेगा'

बांग्लादेश : हिंदू दर्जी की हत्या के बाद परिवार का सवाल 'अब कौन हमारा ख्याल रखेगा'
निखिल जोरधर को उनकी दुकान से बाहर घसीटकर मार डाला गया
ढाका: ढाका से 5 घंटे की दूरी पर तंगैल गांव जहां माहौल ग़मगीन है। 50 साल के निखिल जोरधर एक दर्जी जिनकी पत्नी और बेटी के आंसू रोके नहीं रुक रहे हैं। खुद पर काबू पा कर वह बता रही हैं कि किस तरह निखिल को उसकी दुकान से बाहर घसीटकर खुलेआम सड़क पर मार डाला गया। एक छोटा लेकिन गहरा खून का दाग़ अभी भी वहां नज़र आ रहा है।

हिंसा की एक वारदात ने इस इलाके में रहने वाले हिंदू-मुसलमानों के बीच संतुलन को बिगाड़ कर रख दिया है। 2012 की बात है जब जोरधर को इस्लाम के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने के लिए आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया था लेकिन उनका परिवार इस बात को नहीं मानता। निखिल की पत्नी आरती कहती हैं 'बिना किसी वजह के लोग उनकी दुकान के आसपास खड़े हो गए और कहने लगे कि उन्होंने पैगंबर के खिलाफ कुछ बोला है। लेकिन ऐसा नहीं था। उन्होंने तो यह कहा था कि पैगंबर और कृष्ण एक ही हैं, तो मैं पैगंबर का अपमान क्यों करूंगा।'

दोस्त ने कोई गलत बात नहीं की
इस बार में जब तंगैल गांव के एसपी सालेह मोहम्मद तनवीर से बात होती है तो वह कुछ ठीक से जवाब नहीं दे पाते हैं। 2012 की एफआईआर याद करते हुए तनवीर ने कहा कि उन्होंने उसमें लगे आरोपों के बारे में ठीक से याद नहीं। लेकिन निखिल के पड़ोसी बसेत ने एनडीटीवी को बताया कि उनके दोस्त ने कोई आपत्तिजनक बात नहीं कही थी। बसेत कहते हैं 'कुछ ढाढ़ी वाले नौजवान निखिल की दुकान के पास बैठे थे और गलत बातें कर रहे थे। निखिल को गुस्सा आ गया और उसने कहा कि कम से कम अपनी ढाढ़ी की तो इज्जत रख लो, क्योंकि पैगंबर के भी ढाढ़ी है और उन्हें तुम लोगों का रवैया पसंद नहीं आएगा।'

जोरधर की मौत के कुछ घंटे बाद ISIS ने एक ट्वीट के जरिए इसे 2012 की वारदात का बदला बताते हुए हत्या की जिम्मेदारी ली। लेकिन पुलिस ने इस दावे को खारिज कर दिया और तीन स्थानीय लोगों को गिरफ्तार किया - मदरसा के प्रिसिंपल जिन्होंने 2012 में जोरधर के खिलाफ शिकायत दर्ज की थी, विपक्षी गठबंधन बांग्लादेश राष्ट्रीय पार्टी और जमात-ए-इस्लामी के एक एक सदस्य। हालांकि जमात नेता के परिवार वालों का कहना है कि उनके पिता निर्दोष हैं और वह एक डॉक्टर और शिक्षक हैं जिन्हें सब प्यार करते हैं।

राजनीतिक रंग
गौरतलब है कि शेख़ हसीना की सरकार ने ब्लॉगर, अस्पसंख्यकों और समलैंगिक कार्यकर्ताओं की हत्या का ठिकरा विपक्ष पर फोड़ा है। लेकिन पुलिस ने निखिल के मामले में हुई गिरफ्तारी में किसी तरह के राजनीतिक मक़सद से इंकार किया है।  तंगैल के एसपी के मुताबिक 'जांच एकदम निष्पक्ष होकर की जा रही है। इन लोगों को प्राप्त जानकारी के आधार पर गिरफ्तार किया गया है।'

फिलहाल जोरधर के घर के बाहर सुरक्षा की दृष्टि से सात पुलिसकर्मियों को तैनात कर दिया गया है। लेकिन घर के इस सदस्य की मौत ने पूरे जोरधर परिवार को आर्थिक और भावनात्मक स्तर पर हिलाकर रख दिया है। जोरधर का साथ सिर्फ उनकी पत्नी को ही हिम्मत नहीं देता था, बल्कि उनके तीन भाईयों के बच्चे और पत्नियां भी उन्हीं पर निर्भर थे। उनके तीन भाईयों में से दो की मौत हो चुकी थी और तीसरा भाई मानसिक रूप से बीमार है। निखिल की बेटी पूछती हैं 'अब हमारा ख्याल कौन रखेगा, हम कैसे सुरक्षित महसूस करेंगे?

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