अमेरिकी राजधानी वाशिंगटन डीसी में व्हाइट हाउस के ठीक पास, नेशनल गार्ड्स के दो जवानों को गोली मारने की सनसनीखेज घटना सामने आई है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस हमले को आतंकी हमला करार दिया है. इस गोलीबारी ने एक बार फिर देश की आंतरिक सुरक्षा और शरणार्थी नीति पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं.
हमलावर की पहचान
हमले में शामिल संदिग्ध की पहचान रहमानुल्लाह लाकनवाल (Rahmatullah Laknawal) के तौर पर हुई है. यह 29 वर्षीय हमलावर एक अफगान शरणार्थी है, जिसे पुलिस ने तुरंत दबोच लिया. लाकनवाल ने एक महिला गार्ड को पहले सीने में और फिर सिर में गोली मारी.
शरणार्थी नीति पर उठे सवाल
हमलावर रहमानुल्लाह का बैकग्राउंड हैरान करने वाला है. वह अगस्त 2021 में अफगानिस्तान से अमेरिका आया था और उसने 2024 में शरणार्थी के लिए आवेदन किया, जिसे अप्रैल 2025 में मंजूरी मिली थी. सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि अमेरिका आने से पहले लाकनवाल 10 साल तक अफगान सेना में काम कर चुका था और उसने इस दौरान अमेरिकी स्पेशल फोर्सेज के साथ मिलकर कई ऑपरेशन भी किए थे. वह कुछ समय तक कंधार के एक बेस पर भी तैनात रहा था.
ट्रंप का कड़ा रुख
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस घटना पर कड़ा रुख अपनाया है. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि यह हमला आतंकी कार्रवाई है और इसमें जो भी शामिल हैं, उन्हें इसकी कीमत चुकानी होगी.
इस हमले के तुरंत बाद, अमेरिकी प्रशासन ने एक बड़ा फैसला लेते हुए अफगान नागरिकों की इमिग्रेशन पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है. प्रशासन की ओर से कहा गया है कि इस तरह के गंभीर सुरक्षा उल्लंघन को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, खासकर देश के सबसे संवेदनशील स्थानों में से एक पर.
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