फ्रांस में विरोध प्रदर्शनों के बीच दंगे भड़कने की आशंका जनता को सता रही है.
नई दिल्ली:
फ्रांस में सरकार विरोधी प्रदर्शनों के फैलने और नए दंगे होने की आशंका के मद्देनजर पेरिस बंद जैसी घटनाओं के बीच राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों का कुछ अता- पता नहीं है. मैक्रों उद्वेलित राष्ट्र को शांत कराने का जिम्मा एक प्रकार से सरकार पर छोड़कर पूरे सप्ताह लोगों की नजरों से गायब रहे. सरकार के विरोध में प्रदर्शन कर रहे ‘येलो वेस्ट' प्रदर्शनकारियों का मुख्य नारा है, ‘‘मैक्रों इस्तीफा दो''. लोगों का गुस्सा अपने उस नेता के लिए है जिसे वे सिर्फ ‘अमीरों का नेता' मानते हैं. उनका मानना है कि मैक्रों आम जनता से दूर हैं. दरअसल, मैक्रों ने व्यापार सुधार के लिए कदम उठाए हैं और उनका मानना है कि इसका मकसद देश की अर्थव्यवस्था को अधिक वैश्विक बनाना है. वहीं, फ्रांस के कर्मचारियों की राय इसके ठीक उलट है. वे इसे ‘‘बर्बर'' और ‘‘अधिकारों को कमजोर करने वाला'' मानते हैं. माना जा रहा है कि सप्ताह भर प्रदर्शन के बीच 40 वर्षीय मैक्रों एलिसी प्रेजिडेंशल पैलेस में बंद कमरे में बैठकें करते रहे और एक प्रकार से लोगों से दूर भागते रहे.
वहीं, राष्ट्रपति के कार्यालय ने कहा है कि वह शनिवार से पहले बातचीत नहीं करेंगे. शुक्रवार शाम मैक्रों ने दंगा रोधी सुरक्षाबलों से मुलाकात की. इन्हें शनिवार को राजधानी में तैनात किया जाना है. पेरिस को ‘येलो वेस्ट' प्रदर्शन के मद्देनजर शनिवार को हाई अलर्ट पर रखा गया है. अधिकारियों को आशंका है कि यह प्रदर्शन हिंसा में तब्दील हो सकता है. शहर में दुकानें, म्यूजियम, मेट्रो स्टेशन और टूर एफिल बंद रहेंगे. वहीं, शीर्ष टीमों के फुटबॉल मैच और म्यूजिक शो रद्द कर दिए गए हैं. फ्रांस की राजधानी में पिछले सप्ताहांत दशकों के सबसे खराब दंगे हुए थे जिससे देश हिल गया था और राष्ट्रपति मैक्रों सरकार गहरे संकट में घिर गई.
फ्रांस के गृहमंत्री क्रिस्टोफर कास्टानेर ने कहा कि उन्हें केवल कुछ हजार लोगों के राजधानी में आने की उम्मीद थी. पिछले सप्ताहांत प्रदर्शनकारियों की संख्या आठ हजार थी. प्रधानमंत्री एडवर्ड फिलिप ने शुक्रवार शाम येलो वेस्ट प्रदर्शनकारियों के एक दल से मुलाकात की. उन्होंने लोगों से प्रदर्शनों में शामिल नहीं होने की अपील की है. बैठक के बाद अभियान के प्रवक्ता क्रिस्ट्रोफर चालेनकॉन ने कहा कि प्रधानमंत्री ने हमारी बात सुनी और राष्ट्रपति तक हमारी बात पहुंचाने का वादा किया है. उन्होंने कहा, ‘‘अब हम मैक्रों का इंतजार कर रहे हैं. मैं उम्मीद करता हूं कि वह एक पिता के तौर पर फ्रांस के लोगों से बात करेंगे, प्रेम करेंगे और उनका आदर करेंगे तथा कठोर निर्णय लेंगे.''
वहीं, राष्ट्रपति के कार्यालय ने कहा है कि वह शनिवार से पहले बातचीत नहीं करेंगे. शुक्रवार शाम मैक्रों ने दंगा रोधी सुरक्षाबलों से मुलाकात की. इन्हें शनिवार को राजधानी में तैनात किया जाना है. पेरिस को ‘येलो वेस्ट' प्रदर्शन के मद्देनजर शनिवार को हाई अलर्ट पर रखा गया है. अधिकारियों को आशंका है कि यह प्रदर्शन हिंसा में तब्दील हो सकता है. शहर में दुकानें, म्यूजियम, मेट्रो स्टेशन और टूर एफिल बंद रहेंगे. वहीं, शीर्ष टीमों के फुटबॉल मैच और म्यूजिक शो रद्द कर दिए गए हैं. फ्रांस की राजधानी में पिछले सप्ताहांत दशकों के सबसे खराब दंगे हुए थे जिससे देश हिल गया था और राष्ट्रपति मैक्रों सरकार गहरे संकट में घिर गई.
फ्रांस के गृहमंत्री क्रिस्टोफर कास्टानेर ने कहा कि उन्हें केवल कुछ हजार लोगों के राजधानी में आने की उम्मीद थी. पिछले सप्ताहांत प्रदर्शनकारियों की संख्या आठ हजार थी. प्रधानमंत्री एडवर्ड फिलिप ने शुक्रवार शाम येलो वेस्ट प्रदर्शनकारियों के एक दल से मुलाकात की. उन्होंने लोगों से प्रदर्शनों में शामिल नहीं होने की अपील की है. बैठक के बाद अभियान के प्रवक्ता क्रिस्ट्रोफर चालेनकॉन ने कहा कि प्रधानमंत्री ने हमारी बात सुनी और राष्ट्रपति तक हमारी बात पहुंचाने का वादा किया है. उन्होंने कहा, ‘‘अब हम मैक्रों का इंतजार कर रहे हैं. मैं उम्मीद करता हूं कि वह एक पिता के तौर पर फ्रांस के लोगों से बात करेंगे, प्रेम करेंगे और उनका आदर करेंगे तथा कठोर निर्णय लेंगे.''
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