फाइल फोटो
वाशिंगटन:
त्वरित संदेश सेवा देने वाली कंपनी व्हाट्सएप के निजता सुरक्षा फीचरों को लेकर विशेषज्ञों ने चिंता जताई है. उनका मानना है कि यह उतने पुख्ता नहीं है जितना कि इनके बारे में दावा किया जाता है. फेसबुक के मालिकाना हक वाली व्हाट्सएप के भारत में 20 करोड़ सक्रिय उपयोक्ता हैं. विशेषज्ञों ने इसके उपयोक्ता समझौते के कुछ प्रावधानों पर प्रश्नचिन्ह खड़े किए हैं जहां उसके अधिकतर गलत काम पकड़ में नहीं आते या कोई उन्हें चुनौती नहीं देता है.
व्हाट्सएप के दुनियाभर में एक अरब उपयोक्ता है और भारत में संदेश भेजने के लिए यह एक लोकप्रिय माध्यम है. वर्ष 2014 में फेसबुक ने इसका अधिग्रहण कर लिया था. अमेरिका के एक प्रमुख तकनीकी उद्यमी एवं शिक्षाविद विवेक वाधवा ने पीटीआई- भाषा से कहा, ‘एक व्यक्ति का दूसरे व्यक्ति के साथ संवाद कूटभाषा( इनक्रिप्टेड) में संचरित होकर उतना सुरक्षित हो सकता है जितना व्हाट्सएप दावा करता है, लेकिन उसे किए जाने वाले कॉल की सूचना इत्यादि के डाटा का उपयोग कंपनी कर सकती है.’
उन्होंने कहा कि व्हाट्सएप ने स्वीकार किया है कि वह उपयोक्ता की पहचान और उपकरण की पहचान फेसबुक से साझा करती है, जो फेसबुक को दूसरों पर नजर रखने के गलत काम को करने की अनुमति दे सकता है.
व्हाट्सएप के दुनियाभर में एक अरब उपयोक्ता है और भारत में संदेश भेजने के लिए यह एक लोकप्रिय माध्यम है. वर्ष 2014 में फेसबुक ने इसका अधिग्रहण कर लिया था. अमेरिका के एक प्रमुख तकनीकी उद्यमी एवं शिक्षाविद विवेक वाधवा ने पीटीआई- भाषा से कहा, ‘एक व्यक्ति का दूसरे व्यक्ति के साथ संवाद कूटभाषा( इनक्रिप्टेड) में संचरित होकर उतना सुरक्षित हो सकता है जितना व्हाट्सएप दावा करता है, लेकिन उसे किए जाने वाले कॉल की सूचना इत्यादि के डाटा का उपयोग कंपनी कर सकती है.’
उन्होंने कहा कि व्हाट्सएप ने स्वीकार किया है कि वह उपयोक्ता की पहचान और उपकरण की पहचान फेसबुक से साझा करती है, जो फेसबुक को दूसरों पर नजर रखने के गलत काम को करने की अनुमति दे सकता है.