नोबेल पुरस्कार से सम्मानित पाकिस्तान की मलाला युसूफजई ब्रिटेन में रह रही है (फाइल फोटो)
लंदन:
कथित ईशनिंदा को लेकर एक पाकिस्तानी छात्र की पीट- पीट कर हत्या किए जाने से नाराज मलाला युसूफजई ने कहा कि इस्लाम और देश की छवि धूमिल करने के लिए पाकिस्तानी खुद जिम्मेदार हैं. खबर पख्तूनख्वा के अब्दुल वली खान विश्वविद्यालय से पत्रकारिता की पढ़ाई करने वाले मशाल खान को विश्वविद्यालय के छात्रों की भीड़ ने बेरहमी से पीटा और इसके बाद उसकी गोली मार कर हत्या कर दी. दरअसल, उन लोगों को इस छात्र पर ईशनिंदा करने वाली चीजें इंटरनेट पर डालने और अहमदी संप्रदाय को बढ़ावा देने का शक था.
नोबेल पुरस्कार से सम्मानित और ब्रिटेन में रह रही 19 साल की बालिका शिक्षा की पैरोकार मलाला ने एक वीडियो संदेश में कहा, ‘आज मुझे मशाल खान की मौत की खबर मिली. यह घटना पूरी तरह से आतंक और हिंसा की है. मैंने उसके पिता से बात की जिन्होंने शांति और धैर्य का संदेश दिया. मैं उनके धैर्य और शांति के संदेश की सराहना और सलाम करती हूं.’
मलाला ने कहा, ‘हमें शिकायत है कि इस्लामोफोबिया है, दूसरे देश हमारे देश को बदनाम कर रहे हैं. कोई भी पाकिस्तान और इस्लाम को कमतर नहीं कर रहा, हम खुद पाकिस्तान और इस्लाम की छवि धूमिल कर रहे हैं. पाकिस्तान की छवि धूमिल करने के लिए हम खुद ही जिम्मेदार हैं.’
उन्होंने कहा कि यह न सिर्फ मशाल खान की अंत्येष्टि है बल्कि यह हमारे धर्म की भी अंत्येष्टि है. हम इस्लाम की शिक्षाओं को भूल गए हैं, जो हमें शांति एवं धर्य की शिक्षा देता है.
उन्होंने खान को पीट-पीट कर मार डाले जाने का जिक्र करते हुए कहा, ‘यदि हम एकदूसरे की इस तरह से जान लेते रहेंगे तो कोई भी सुरक्षित नहीं बचेगा.’
मलाला ने कहा, ‘इसलिए मेरा हर किसी को संदेश है कि कृपया आप अपने धर्म, संस्कृति, मूल्य को जाने जिसने हमेशा ही हमें धैर्य की शिक्षा दी है और शांति का उपदेश दिया है. आखिर में मैं सभी राजनीतिक पार्टियों, नेताओं और सरकार से शांति एवं न्याय के लिए खड़े होने का अनुरोध करुंगी. मशाल खान के परिवार को न्याय दिलाने के लिए खड़े होइए और चुप नहीं बैठिए.’
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
नोबेल पुरस्कार से सम्मानित और ब्रिटेन में रह रही 19 साल की बालिका शिक्षा की पैरोकार मलाला ने एक वीडियो संदेश में कहा, ‘आज मुझे मशाल खान की मौत की खबर मिली. यह घटना पूरी तरह से आतंक और हिंसा की है. मैंने उसके पिता से बात की जिन्होंने शांति और धैर्य का संदेश दिया. मैं उनके धैर्य और शांति के संदेश की सराहना और सलाम करती हूं.’
मलाला ने कहा, ‘हमें शिकायत है कि इस्लामोफोबिया है, दूसरे देश हमारे देश को बदनाम कर रहे हैं. कोई भी पाकिस्तान और इस्लाम को कमतर नहीं कर रहा, हम खुद पाकिस्तान और इस्लाम की छवि धूमिल कर रहे हैं. पाकिस्तान की छवि धूमिल करने के लिए हम खुद ही जिम्मेदार हैं.’
उन्होंने कहा कि यह न सिर्फ मशाल खान की अंत्येष्टि है बल्कि यह हमारे धर्म की भी अंत्येष्टि है. हम इस्लाम की शिक्षाओं को भूल गए हैं, जो हमें शांति एवं धर्य की शिक्षा देता है.
उन्होंने खान को पीट-पीट कर मार डाले जाने का जिक्र करते हुए कहा, ‘यदि हम एकदूसरे की इस तरह से जान लेते रहेंगे तो कोई भी सुरक्षित नहीं बचेगा.’
मलाला ने कहा, ‘इसलिए मेरा हर किसी को संदेश है कि कृपया आप अपने धर्म, संस्कृति, मूल्य को जाने जिसने हमेशा ही हमें धैर्य की शिक्षा दी है और शांति का उपदेश दिया है. आखिर में मैं सभी राजनीतिक पार्टियों, नेताओं और सरकार से शांति एवं न्याय के लिए खड़े होने का अनुरोध करुंगी. मशाल खान के परिवार को न्याय दिलाने के लिए खड़े होइए और चुप नहीं बैठिए.’
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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