लाहौर:
जमात-उद-दावा के प्रमुख हाफिज मोहम्मद सईद ने पाकिस्तान सरकार से नदी जल बंटवारे के मुद्दे पर भारत के साथ ‘गंभीर बातचीत’ करने का आह्वान किया है। लाहौर से 70 किलोमीटर दूर, सीमावर्ती शहर सियालकोट में सोमवार को सईद ने जमात-उद-दावा के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए यह बात कही।
सईद ने कहा ‘‘इस्लामाबाद को इस गंभीर मुद्दे पर नयी दिल्ली के साथ गंभीर बातचीत करनी चाहिए क्योंकि इससे पाकिस्तान की कृषि आधारित अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंच रहा है।’’ उसने कहा ‘‘यहां आने वाले पानी को रोक कर भारत हमारे देश को बंजर बनाने का प्रयास कर रहा है।’’ प्रतिबंधित संगठन लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक ने कहा कि विश्व समुदाय जम्मू और कश्मीर के लोगों के बलिदान को कभी नजरअंदाज नहीं कर सकता।
उन्होंने कहा कि हजारों कश्मीरियों के बलिदान का परिणाम जल्द ही मिलेगा। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा नाटो बलों के लिए आपूर्ति की खातिर अफगानिस्तान जाने वाले मार्ग खोले जाने की आलोचना करते हुए सईद ने कहा कि इस निर्णय के खिलाफ देफा-ए-पाकिस्तान काउंसिल अपना विरोध जारी रखेगा। नाटो बलों के लिए आपूर्ति की खातिर अफगानिस्तान जाने वाले मार्ग पिछले सात माह से बंद थे। हाल ही में पाक सरकार ने इन मार्गों को खोल दिया।
यह मार्ग पाकिस्तान ने गत नवंबर में नाटो बलों के हवाई हमले में 24 पाकिस्तानी सैनिकों के मारे जाने के विरोध में बंद किया था। पिछले दिनों अमेरिका ने इस घटना के लिए माफी मांगी, तब पाक ने यह मार्ग खोले। अमेरिका ने सईद को पकड़ने के लिए एक करोड़ डालर का इनाम रखा है लेकिन जमाद उद दावा का यह नेता देश में, खास कर पंजाब प्रांत में खुले आम सार्वजनिक सभाएं करता रहा है।
सईद ने कहा ‘‘इस्लामाबाद को इस गंभीर मुद्दे पर नयी दिल्ली के साथ गंभीर बातचीत करनी चाहिए क्योंकि इससे पाकिस्तान की कृषि आधारित अर्थव्यवस्था को नुकसान पहुंच रहा है।’’ उसने कहा ‘‘यहां आने वाले पानी को रोक कर भारत हमारे देश को बंजर बनाने का प्रयास कर रहा है।’’ प्रतिबंधित संगठन लश्कर-ए-तैयबा के संस्थापक ने कहा कि विश्व समुदाय जम्मू और कश्मीर के लोगों के बलिदान को कभी नजरअंदाज नहीं कर सकता।
उन्होंने कहा कि हजारों कश्मीरियों के बलिदान का परिणाम जल्द ही मिलेगा। पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा नाटो बलों के लिए आपूर्ति की खातिर अफगानिस्तान जाने वाले मार्ग खोले जाने की आलोचना करते हुए सईद ने कहा कि इस निर्णय के खिलाफ देफा-ए-पाकिस्तान काउंसिल अपना विरोध जारी रखेगा। नाटो बलों के लिए आपूर्ति की खातिर अफगानिस्तान जाने वाले मार्ग पिछले सात माह से बंद थे। हाल ही में पाक सरकार ने इन मार्गों को खोल दिया।
यह मार्ग पाकिस्तान ने गत नवंबर में नाटो बलों के हवाई हमले में 24 पाकिस्तानी सैनिकों के मारे जाने के विरोध में बंद किया था। पिछले दिनों अमेरिका ने इस घटना के लिए माफी मांगी, तब पाक ने यह मार्ग खोले। अमेरिका ने सईद को पकड़ने के लिए एक करोड़ डालर का इनाम रखा है लेकिन जमाद उद दावा का यह नेता देश में, खास कर पंजाब प्रांत में खुले आम सार्वजनिक सभाएं करता रहा है।
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