रूस ने गुरुवार को यूक्रेन और अमेरिका पर उसकी चिंताओं को नहीं सुनने का आरोप लगाया, और अमेरिका पर यह भी आरोप लगाया कि वह रूस को कमज़ोर करने के लिए यूक्रेन को युद्धस्थल की तरह इस्तेमाल कर रहा है. यह बयान उस समय आया है, जब रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ज़ोर देकर कह रहे हैं कि रूस का लक्ष्य यूक्रेन के साथ जारी युद्ध को तेज़ी से खत्म करना है.
व्लादिमिर पुतिन ने पत्रकारों से बातचीत में कहा, "हमारा लक्ष्य है... इस संघर्ष को खत्म करना... हम उसके लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं... हम देखेंगे कि यह खत्म हो, और जितना जल्दी होगा, उतना बेहतर रहेगा..."
पुतिन ने कहा, "सभी संघर्ष खत्म होते ही हैं, किसी न किसी तरीके से, बातचीत से... जितना जल्दी हमारे विरोधी (यूक्रेन में) यह बात समझेंगे, उतना ही बेहतर रहेगा..."
इस बीच, रूसी सैन्य प्रमुख ने कहा कि रूसी सेना अब पूर्वी डोनेट्स्क क्षेत्र पर नियंत्रण करने पर ध्यान केंद्रित कर रही है, जहां बखमुत शहर युद्ध का केंद्र बन गया है.
उधर, मॉस्को में बैठे अधिकारियों ने हालिया महीनों में बार-बार कहा है कि वे यूक्रेन के साथ बातचीत से इंकार नहीं कर रहे हैं. उन्होंने बातचीत का राजनयिक मार्ग बंद हो जाने के लिए यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेन्स्की को उत्तरदायी ठहराया, जिन्होंने कहा है कि वह पुतिन के रूस की सत्ता में रहते बातचीत नहीं करेंगे.
यूक्रेन के राष्ट्रपति अमेरिका की ऐतिहासिक यात्रा से हाल ही में लौटे हैं, जहां उन्होंने अमेरिकी संसद से कहा कि उनका देश "जीवित भी है, सक्रिय भी...", और उसका साथ देना वैश्विक सुरक्षा में निवेश करने जैसा है.
ज़ेलेन्स्की का अमेरिका दौरे पर नायक की तरह स्वागत किया गया था, और इसी दौरे में अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने यूक्रेन को लगभग 1.8 अरब अमेरिकी डॉलर की सैन्य आपूर्ति का वादा किया, और पहली बार पैट्रियट मिसाइल रक्षा प्रणाली भी देने का वादा किया.
व्लादिमिर पुतिन ने चेताया है कि यह संघर्ष को और बढ़ा सकता है. उन्होंने संवाददाताओं से कहा, "लोग ऐसा कर रहे हैं, इसका कोई लाभ नहीं होगा... यह सिर्फ संघर्ष को लंबा खींच रहा है, बस इतना ही..."
इससे पहले, क्रेमलिन ने यह भी कहा था, बाइडेन और ज़ेलेन्स्की 'रूस की चिंताओं' पर ध्यान नहीं दे रहे हैं.
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