रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन अपने अमेरिकी समकक्ष बराक ओबामा के साथ
वाशिंगटन:
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन ने सीरिया पर किसी भी प्रकार के एकतरफा सैन्य हमले के खिलाफ अमेरिका को चेतावनी देते हुए कहा है कि इस तरह के हमले से आतंकवाद की एक नई लहर उठ खड़ी होगी, जिसके चलते संयुक्त राष्ट्र ध्वस्त हो जाएगा। साथ ही व्लादिमिर पुतिन ने दावा किया है कि ऐसी सूरत में संघर्ष सीरिया की सीमाओं से बाहर तक फैल जाएगा और बड़ी संख्या में निर्दोष लोग मारे जाएंगे।
असद शासन के खिलाफ अमेरिकी सैन्य हमले के विरुद्ध आवाज उठाते हुए व्लादिमिर पुतिन ने 'न्यूयॉर्क टाइम्स' के संपादकीय पृष्ठ पर लिखा है कि कई देशों, प्रमुख राजनीतिक दलों और ईसाइयों के सर्वोच्च धर्मगुरु पोप समेत विभिन्न धार्मिक नेताओं के कड़े विरोध के बावजूद ऐसे किसी कदम से बड़ी संख्या में निर्दोष लोग शिकार होंगे, संघर्ष बढ़ेगा और यह सीरियाई सीमाओं के बाहर तक फैल जाएगा।
रूसी राष्ट्रपति ने कहा, हमले से हिंसा बढ़ेगी और आतंकवाद की एक नई लहर उठ खड़ी होगी। इससे ईरान की परमाणु समस्या और इस्राइली-फिलस्तीन संघर्ष की समस्या को सुलझाने के बहुपक्षीय प्रयासों को झटका लगेगा और मध्य एशिया तथा उत्तरी अफ्रीका में हालात और खतरनाक हो जाएंगे। इससे अंतरराष्ट्रीय कानून व्यवस्था की पूरी प्रणाली अनियंत्रित हो सकती है।
रूसी नेता ने कहा है कि उन्हें इस बात में कोई संदेह नहीं है कि सीरिया में जहरीली गैस का इस्तेमाल किया गया, लेकिन रासायनिक हथियार हमले के लिए सीरियाई विद्रोही आरोपी हैं। पुतिन ने कहा है, लेकिन इस बात पर विश्वास करने का कारण है कि रासायनिक जहरीली गैस का इस्तेमाल सीरियाई सेना ने नहीं, बल्कि विपक्षी बलों ने किया, ताकि वे अपने शक्तिशाली विदेशी संरक्षकों के हस्तक्षेप का रास्ता तैयार कर सकें, जो कट्टरपंथियों का पक्ष ले रहे हैं।
पुतिन का यह संपादकीय लेख अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के अपने राष्ट्र के नाम प्रसारित संदेश के एक दिन बाद आया है। संदेश में बराक ओबामा ने कहा था कि उन्होंने राजनयिक विकल्पों को एक मौका देने के लिए सीरिया पर हमले को टालने का फैसला किया है। रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि यह चिंताजनक है कि विदेशी मुल्कों के अंदरूनी संघर्षों में सैन्य हस्तक्षेप करना अमेरिका के लिए आम बात होती जा रही है।
उन्होंने लिखा है, क्या यह अमेरिका के दीर्घकालिक हित में है...? मुझे इस पर शक है। दुनियाभर में करोड़ों लोग अमेरिका को लोकतंत्र के एक मॉडल के रूप में नहीं, बल्कि ऐसे देश के रूप में देख रहे हैं, जो पूरी तरह नृशंस बलों और 'आप हमारे साथ हैं या हमारे खिलाफ हैं' के नारे के तहत विभिन्न देशों को गठबंधन के लिए बाध्य कर रहा है। सीरियाई संकट के बीच विश्व मंच पर उतरते हुए पुतिन ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को संयुक्त राष्ट्र की अनदेखी करने को लेकर चेतावनी दी है और कहा है कि इससे संयुक्त राष्ट्र ध्वस्त हो जाएगा।
व्लादिमिर पुतिन ने लिखा है, कोई भी यह नहीं चाहता कि संयुक्त राष्ट्र की हालत राष्ट्रमंडल जैसी हो, जो केवल वास्तविकताओं की अनदेखी करने के कारण समाप्त हो गया था। यदि प्रभावी राष्ट्र संयुक्त राष्ट्र की अनदेखी करके और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अनुमति के सैन्य कार्रवाई करते हैं तो यह संभव है।
असद शासन के खिलाफ अमेरिकी सैन्य हमले के विरुद्ध आवाज उठाते हुए व्लादिमिर पुतिन ने 'न्यूयॉर्क टाइम्स' के संपादकीय पृष्ठ पर लिखा है कि कई देशों, प्रमुख राजनीतिक दलों और ईसाइयों के सर्वोच्च धर्मगुरु पोप समेत विभिन्न धार्मिक नेताओं के कड़े विरोध के बावजूद ऐसे किसी कदम से बड़ी संख्या में निर्दोष लोग शिकार होंगे, संघर्ष बढ़ेगा और यह सीरियाई सीमाओं के बाहर तक फैल जाएगा।
रूसी राष्ट्रपति ने कहा, हमले से हिंसा बढ़ेगी और आतंकवाद की एक नई लहर उठ खड़ी होगी। इससे ईरान की परमाणु समस्या और इस्राइली-फिलस्तीन संघर्ष की समस्या को सुलझाने के बहुपक्षीय प्रयासों को झटका लगेगा और मध्य एशिया तथा उत्तरी अफ्रीका में हालात और खतरनाक हो जाएंगे। इससे अंतरराष्ट्रीय कानून व्यवस्था की पूरी प्रणाली अनियंत्रित हो सकती है।
रूसी नेता ने कहा है कि उन्हें इस बात में कोई संदेह नहीं है कि सीरिया में जहरीली गैस का इस्तेमाल किया गया, लेकिन रासायनिक हथियार हमले के लिए सीरियाई विद्रोही आरोपी हैं। पुतिन ने कहा है, लेकिन इस बात पर विश्वास करने का कारण है कि रासायनिक जहरीली गैस का इस्तेमाल सीरियाई सेना ने नहीं, बल्कि विपक्षी बलों ने किया, ताकि वे अपने शक्तिशाली विदेशी संरक्षकों के हस्तक्षेप का रास्ता तैयार कर सकें, जो कट्टरपंथियों का पक्ष ले रहे हैं।
पुतिन का यह संपादकीय लेख अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के अपने राष्ट्र के नाम प्रसारित संदेश के एक दिन बाद आया है। संदेश में बराक ओबामा ने कहा था कि उन्होंने राजनयिक विकल्पों को एक मौका देने के लिए सीरिया पर हमले को टालने का फैसला किया है। रूसी राष्ट्रपति ने कहा कि यह चिंताजनक है कि विदेशी मुल्कों के अंदरूनी संघर्षों में सैन्य हस्तक्षेप करना अमेरिका के लिए आम बात होती जा रही है।
उन्होंने लिखा है, क्या यह अमेरिका के दीर्घकालिक हित में है...? मुझे इस पर शक है। दुनियाभर में करोड़ों लोग अमेरिका को लोकतंत्र के एक मॉडल के रूप में नहीं, बल्कि ऐसे देश के रूप में देख रहे हैं, जो पूरी तरह नृशंस बलों और 'आप हमारे साथ हैं या हमारे खिलाफ हैं' के नारे के तहत विभिन्न देशों को गठबंधन के लिए बाध्य कर रहा है। सीरियाई संकट के बीच विश्व मंच पर उतरते हुए पुतिन ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को संयुक्त राष्ट्र की अनदेखी करने को लेकर चेतावनी दी है और कहा है कि इससे संयुक्त राष्ट्र ध्वस्त हो जाएगा।
व्लादिमिर पुतिन ने लिखा है, कोई भी यह नहीं चाहता कि संयुक्त राष्ट्र की हालत राष्ट्रमंडल जैसी हो, जो केवल वास्तविकताओं की अनदेखी करने के कारण समाप्त हो गया था। यदि प्रभावी राष्ट्र संयुक्त राष्ट्र की अनदेखी करके और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की अनुमति के सैन्य कार्रवाई करते हैं तो यह संभव है।
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