ईरान (Iran) में स्कूल की लड़कियां (School Girls) महसा अमीनी की मौत (Mahsa Amini Death) के बाद हो रहे विरोध प्रदर्शनों (Protests) में उतर आई हैं. उन्होंने अपने हिजाब (Hijab) उतार कर रैली की और सुरक्षा बलों की ओर से हिंसक कार्रवाई की चेतावनियों को अनदेखा कर दिया. हिजाब उतार कर स्कूल की लड़कियों ने तेहरान के पश्चिम में स्थित करज में एक आदमी को स्कूल से बाहर कर दिया. इस आदमी को स्कूल का प्रिंसिपल बताया जा रहा है. एएफपी के अनुसार, लड़कियों ने सोमवार को यह बड़ा कदम उठाया. सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर किया जा रहा है जिसमें बताया जा रहा है कि ईरान की स्कूल की लड़कियों ने सरकार समर्थक स्कूल के डायरेक्टर को स्कूल के कैंपस से निकाल दिया.
इस वीडियो को रेडइट पर शेयर किया गया है और करीब 13 हजार से अधिक लोगों ने इसे लाइक किया है. एक यूज़र लिखता है, बहादुर, "काश आप महिलाएं एक इंसान के तौर पर अपनी आज़ादी पा सकें." दूसरे यूज़र ने लिखा, "फारसी में यह लड़कियां "असम्माननीय" कह रही हैं.
तीसरे यूज़र ने इन लड़कियों की सुरक्षा पर चिंता जताते हुए कहा कि कहीं यह लड़कियां गायब होकर किसी जेल में ना मिलें.
वहीं एक यूज़र ने बताया है कि उनकी बीवी ईरानी हैं और उनके बचपन का अधिकांश हिस्सा तेहरान के पास गुज़रा. उन्होंने बताया कि जब उनकी बीवी ने इन प्रदर्शनों को देखा तो उनकी आंखों में खुशी के आंसू आ गए. उन्होंने बताया कि कैसे जब वो 8 साल की उम्र में बिना हिजाब स्टोर में चली गईं थीं तो उन्हें गालियां दी गईं.
ताजा विरोध प्रदर्शनों में ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्ला अली खामेनी को संबोधित करते हुए स्कूल की लड़कियों ने नंगे सर, "तानाशाह को मौत" के नारे लगाए.
ईरान में 22 साल की महसा अमीनी की हिजाब पुलिस की कैद में पिछले महीने मौत हो गई थी. कथित तौर पर महसा ने हिजाब ठीक से नहीं पहना था. महसा के अंतिम संस्कार पर लोगों में गुस्सा भड़क उठा. ईरान में करीब 3 साल बाद पहली बार इतने बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं. इस दौरान सुरक्षाबलों के हाथों बहुत से लोग मारे गए हैं और सैकड़ों गिरफ्तार हुए हैं.
पिछले सप्ताहंत पर छात्रों ने रैली की थी और दंगा रोधी पुलिस का सामना किया था. ईरान की दंगा रोधी पुलिस ने छात्रों को भगाने से पहले शरीफ यूनिवर्सिटी ऑफ टेकनॉलजी की एक अंडरग्राउंड कार पार्किंग में जमा कर दिया था.
स्कूल की लड़कियों ने तब से देश भर में विरोध प्रदर्शन शुरू किया है. वो अपने हिजाब हटा रही हैं और सत्ता विरोधी नारे लगा रही हैं. इसके साथ ही देश के कट्टर नेताओं के पोस्टर पर कालिख भी पोती जा रही है.
लड़कियों का एक दूसरा समूह करज की सड़कों पर, "महिला, जीवन, आज़ादी" के नारे लगाता दिखा.
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