पाकिस्तान (Pakistan) में कथित रूप से ईशनिंदा (Alleged Blasphemy) करने के मामले में एक हिंदू (Hindu) सफाई कर्मचारी को गिरफ्तार कर लिया गया है. इससे पहले एक चरमपंथी समूह ने एक हिंदू समुदाय से आने वाले अशोक कुमार (Ashok Kumar) के खिलाफ कई विरोध प्रदर्शन किए थे. इस घटना की वायरल हुई वीडियो में दिखाया गया था कि गुस्साई भीड़ अशोक कुमार को पकड़ने के लिए उसकी बहुमंजिला इमारत पर चढ़ने की कोशिश कर रही है. फर्स्टपोस्ट के अनुसार, अशोक कुमार को झूठे आरोप में भीड़ ने निशाने पर लिया था.
حیدرآباد میں انسان کے خون کے پیاسے درندے۔ pic.twitter.com/cXNsMb4XBX
— Rab Nawaz Baloch (@RabNBaloch) August 21, 2022
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने सोमवार को बताया कि सफाई कर्मचारी आरोप लगाया गया है कि उसने एक धार्मिक किताब के पन्ने जलाए. पाकिस्तान में चरमपंथी समूह तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (TLP) ने रविवार को पाकिस्तान के हैदराबाद शहर में कथित ईशनिंदा के आरोप में हिंदू परिवारों के घरों वाली इमारत के सामने विरोध प्रदर्शन किया था.
पाकिस्तान के हैदराबाद के एक हिंदू समुदाय के नेता ने नाम ना बताने की शर्त पर कहा कि पुलिस ने बिना किसी जांच के अशोक कुमार को गिरफ्तार किया है. उन्होंने कहा, "जिस इमारत के पास यह घटना हुई वहां रह रहे हिंदू परिवार तहरीक-ए-लब्बैक के विरोध प्रदर्शनों के बाद दहशत में हैं."
वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के अनुसार, शुक्रवार को इस्लामिक स्टडीज़ की एक किताब से पन्ने जलाए गए, जिसके बाद टीएलपी ने पूरे हैदराबाद में विरोध प्रदर्शन किए थे और ईशनिंदा के मामले में मामला दर्ज करने और आरोपी की गिरफ्तारी की मांग की थी.
पाकिस्तान के एक प्रमुख हिंदू नेता रवि दवानी ने सिंध सरकार से इस मामले में बिना की भेदभाव के जांच का आग्रह किया है.
टीएलपी को पाकिस्तान में पिछले साल अप्रेल में प्रतिबंधित घोषित कर दिया गया था जब पाकिस्तान में फ्रांस में प्रकाशित हुए ईशनिंदा करने वाले कार्टूनों के बाद टीएलपी ने हिंसक विरोध प्रदर्शन किए थे और पाकिस्तान सरकार को फ्रांस के राजदूत को निकालना पड़ा था.
पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने कट्टर इस्लामिक समूहों के सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बाद पिछले साल नवंबर में इस चरमपंथी समूह को प्रतिबंधित संगठनों की लिस्ट से हटाने की मंजूरी दी थी.
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