वाशिंगटन:
पाकिस्तान में हिरासत में रखे गए एक अमेरिकी राजनयिक की रिहाई का दबाव डालने के उद्देश्य से अमेरिका ने पाकिस्तान से सभी प्रकार की शीर्ष स्तरीय बातचीत रोक दी है। इस मुद्दे पर दोनों देशों के बीच संबंधों में तनातनी आ गई है। यह राजनयिक हत्या के आरोपों पर पाकिस्तान में हिरासत में है। द वाशिंगटन पोस्ट की खबर में बताया गया है कि रेमंड एलेन डेविस के मामले ने दोनों देशों की सरकारों के बीच संबंधों को गंभीर रूप से प्रभावित किया है और यह मुद्दा 24 फरवरी को अमेरिका, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच होने वाले सम्मेलन को भी प्रभावित कर सकता है। डेविस ने कथित तौर पर पाकिस्तान के दो नागरिकों को गोली मार दी थी, जो डेविस को धमकी दे रहे थे। अखबार के मुताबिक, राजनयिक के साथ होने वाले व्यवहार पर अपनी चिंता और नाखुशी जाहिर करने के उद्देश्य से ही विदेश मंत्री हिलेरी क्लिंटन ने पिछले सप्ताह म्यूनिख में अपने पाकिस्तानी समकक्ष शाह महमूद कुरैशी के साथ होने वाली बैठक को भी निरस्त कर दिया। अमेरिकी प्रशासन ने डेविस की रिहाई का दबाव डालने के लिए अमेरिका में पाकिस्तानी राजदूत हुसैन हक्कानी को दो बार व्हाइट हाउस तलब किया। यही संदेश इस्लामाबाद में अमेरिकी दूत कैमरन हंटर ने पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी के साथ हुई बैठक में उन्हें दिया । विदेश मंत्रालय ने कहा कि डेविस के पास राजनयिक पासपोर्ट है और वह इस्लामाबाद में अमेरिकी दूतावास के तकनीकी और प्रशासनिक विभाग के सदस्य हैं, जिन्हें वियना संधि के मुताबिक आपराधिक मामलों से पूर्ण सुरक्षा मिली हुई है। अमेरिकी कांग्रेस ने कहा कि पाकिस्तान सरकार को जल्द से जल्द यह मामला सुलझाना होगा, नहीं तो इसका प्रभाव पाकिस्तान को दी जा रही आर्थिक सहायता समेत दूसरे द्विपक्षीय मामलों पर भी पड़ सकता है। डेविस को पिछले महीने लाहौर से गिरफ्तार करके स्थानीय उच्च न्यायालय में पेश किया गया। अदालत ने उनकी हिरासत अवधि और आठ दिन बढ़ा दी है। अमेरिकी दूतावास ने बताया कि उसे इस बारे में कोई नोटिस नहीं दिया गया, डेविड के साथ कोई एटॉर्नी नहीं था और न ही उन्हें दुभाषिया उपलब्ध कराया गया। विदेश मंत्रालय के एक वक्तव्य में कहा गया है कि डेविस की लगातार हिरासत अंतरराष्ट्रीय नियमों का गंभीर उल्लंघन है। पाकिस्तान के अधिकारियों का हवाला देते हुए अखबार ने लिखा है कि पाकिस्तान सरकार इस मुद्दे पर बंट गई है। विदेश मंत्रालय जहां डेविस को मिली राजनयिक सुरक्षा पर दबाव डाल रहा है, वहीं सरकार के कई और धड़े इस मुद्दे को वाशिंगटन से स्वतंत्रता पाने के मौके के तौर पर इस्तेमाल कर रहे हैं। इस मामले को एक नया मोड़ देते हुए अखबार ने एक पाकिस्तानी खुफिया अधिकारी के हवाले से कहा है कि जिन दो लोगों को डेविस ने कथित तौर पर मारा, वे डेविस के बताए मुताबिक सशस्त्र लुटेरे नहीं थे, बल्कि वे खुफिया एजेंट थे, जिन्हें डेविस का पीछा करने के लिए कहा गया था। पाकिस्तानी मीडिया का मानना है कि डेविस को न्यूयॉर्क की एक अदालत में चल रहे चार अमेरिकी नागरिकों से जुड़े मुकदमे के बदले में हिरासत में रखा गया है। मुंबई हमले में मारे गए चार अमेरिकी नागरिकों के परिवारों ने न्यूयॉर्क की अदालत में मामला दर्ज किया था। इस मामले के संबंध में अमेरिकी अदालत ने आईएसआई प्रमुख ले. जनरल अहमद शुजा पाशा और आईएसआई के चार अन्य अधिकारियों को समन जारी किया था।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
अमेरिका, पाकिस्तान, बातचीत रोकी, डेविस