इस्लामाबाद:
पाकिस्तान की एक संसदीय समिति ने सरकार से अनुशंसा की है कि वह सीमा चौकियों पर हुए हवाई हमलों के लिए अमेरिका को बिना शर्त माफी मांगने के लिए कहे। पिछले साल नवंबर में हुए हमले में पाकिस्तान के 24 सैनिक मारे गए थे।
समाचार एजेंसी 'ऑन लाइन' के मुताबिक संसद में राष्ट्रीय सुरक्षा पर संसदीय समिति की रिपोर्ट में पाकिस्तानी क्षेत्र में ड्रोन हमलों एवं अन्य सैन्य कार्रवाई पर रोक लगाने का आह्वान किया गया है।
संसद के संयुक्त सत्र के समक्ष पेश अनुशंसाओं के मुताबिक रिपोर्ट में अमेरिका से पाकिस्तान में अपनी मौजूदगी की समीक्षा करने
के लिए कहा गया है।
ज्ञात हो कि पाकिस्तानी चौकियों पर अमेरिकी हमले के बाद वाशिंगटन के साथ सम्बंधों की नई शर्तों के लिए समिति को अपनी अनुशंसाएं देने के लिए कहा गया था। समिति ने इस पर अपनी रिपोर्ट मंगलवार को संसद के संयुक्त सत्र में पेश की।
राष्ट्रीय सुरक्षा पर समिति के अध्यक्ष एवं पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के सीनेटर राजा रब्बानी ने 40 अनुशंसाओं वाली रिपोर्ट पेश की।
रिपोर्ट में ड्रोन हमलों को रोकने की अनुशंसा की गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि ड्रोन हमले प्रतिकूल, अमेरिका-विरोधी भावनाओं को भड़काने और पाकिस्तान को आर्थिक क्षति पहुंचाने वाले साबित हुए हैं।
रिपोर्ट में में कहा गया है कि पाकिस्तान की जमीन पर अमेरिकी सैनिकों की मौजूदगी नहीं होगी और संसद की पूर्व सहमति के बगैर देश में किसी भी अमेरिकी सैन्य कार्रवाई को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) की रसद आपूर्ति पर कर लगाना चाहिए और वाशिंगटन के साथ सम्बंधों पर जबतक सहमति नहीं बन जाती तबतक रसद आपूर्ति वाले मार्गो को नहीं खोला जाना चाहिए।
रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका-भारत असैन्य परमाणु करार से शक्ति का क्षेत्रीय संतुलन प्रभावित हुआ है। समिति ने पाकिस्तान के साथ ऐसा ही करार करने का आह्वान किया है।
समाचार एजेंसी 'ऑन लाइन' के मुताबिक संसद में राष्ट्रीय सुरक्षा पर संसदीय समिति की रिपोर्ट में पाकिस्तानी क्षेत्र में ड्रोन हमलों एवं अन्य सैन्य कार्रवाई पर रोक लगाने का आह्वान किया गया है।
संसद के संयुक्त सत्र के समक्ष पेश अनुशंसाओं के मुताबिक रिपोर्ट में अमेरिका से पाकिस्तान में अपनी मौजूदगी की समीक्षा करने
के लिए कहा गया है।
ज्ञात हो कि पाकिस्तानी चौकियों पर अमेरिकी हमले के बाद वाशिंगटन के साथ सम्बंधों की नई शर्तों के लिए समिति को अपनी अनुशंसाएं देने के लिए कहा गया था। समिति ने इस पर अपनी रिपोर्ट मंगलवार को संसद के संयुक्त सत्र में पेश की।
राष्ट्रीय सुरक्षा पर समिति के अध्यक्ष एवं पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) के सीनेटर राजा रब्बानी ने 40 अनुशंसाओं वाली रिपोर्ट पेश की।
रिपोर्ट में ड्रोन हमलों को रोकने की अनुशंसा की गई है। रिपोर्ट में कहा गया है कि ड्रोन हमले प्रतिकूल, अमेरिका-विरोधी भावनाओं को भड़काने और पाकिस्तान को आर्थिक क्षति पहुंचाने वाले साबित हुए हैं।
रिपोर्ट में में कहा गया है कि पाकिस्तान की जमीन पर अमेरिकी सैनिकों की मौजूदगी नहीं होगी और संसद की पूर्व सहमति के बगैर देश में किसी भी अमेरिकी सैन्य कार्रवाई को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
रिपोर्ट के मुताबिक उत्तर अटलांटिक संधि संगठन (नाटो) की रसद आपूर्ति पर कर लगाना चाहिए और वाशिंगटन के साथ सम्बंधों पर जबतक सहमति नहीं बन जाती तबतक रसद आपूर्ति वाले मार्गो को नहीं खोला जाना चाहिए।
रिपोर्ट के अनुसार अमेरिका-भारत असैन्य परमाणु करार से शक्ति का क्षेत्रीय संतुलन प्रभावित हुआ है। समिति ने पाकिस्तान के साथ ऐसा ही करार करने का आह्वान किया है।