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वाह ट्रंप- वाह अमेरिका! दुनिया के जिस कोने में कोई नहीं रहता वहां भी लगा दिया टैरिफ

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 2 अप्रैल को अमेरिका के लिए मुक्ति दिवस बताते हुए तमाम देशों पर 10% से लेकर 49% तक के जवाबी टैरिफ लगा दिए हैं.

वाह ट्रंप- वाह अमेरिका! दुनिया के जिस कोने में कोई नहीं रहता वहां भी लगा दिया टैरिफ
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप

ट्रंप की लीला ट्रंप ही जाने.. हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि अमेरिका राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप कब कौन सा फैसला ले लें, यह किसी को पता नहीं होता है. पूरी दुनिया हर समय आंखों में आशंका लिए उनकी तरफ देखती रहती है कि न पता इसबार ट्रंप कौन सा नया पैंतरा चल दें. डोनाल्ड ट्रंप ने 2 अप्रैल को अमेरिका के लिए मुक्ति दिवस बताते हुए तमाम देशों पर 10% से लेकर 49% तक के जवाबी टैरिफ लगा दिए हैं. सबसे खास बात तो यह है कि डोनाल्ड ट्रंप के वैश्विक टैरिफ हमले से दुनिया के दूरदराज के कोने में बसे हिस्से भी छिप नहीं सके- यहां तक ​​कि जिस हर्ड और मैकडॉनल्ड द्वीप पर कोई नहीं रहता, ट्रंप ने उनपर भी टैरिफ लगा दिया है.

एएफपी की रिपोर्ट के अनुसार हर्ड और मैकडॉनल्ड द्वीप उप-अंटार्कटिक हिंद महासागर में ऑस्ट्रेलियाई का क्षेत्र है और उसके सभी निर्यातों पर 10 प्रतिशत टैरिफ लगाया गया है. ऐसा इस तथ्य के बावजूद किया गया कि इस बर्फीले द्वीपसमूह में सील, पेंगुइन और अन्य पक्षियों को छोड़कर एक इंसान भी नहीं रहता है. रह ही नहीं सकता है.

ऑस्ट्रेलिया के कोकोस (कीलिंग) द्वीप समूह और अफ्रीका के तट से दूर कोमोरोस सहित दुनिया भर में छोटे-छोटे द्वीपों पर भी 10 प्रतिशत नए टैरिफ लगाए गए.

टैरिफ सूची में एक और ध्यान खींचने वाला नाम म्यांमार का था, जो भूकंप से उबर रहा है जिसमें लगभग 3,000 लोग मारे गए थे. इसपर अमेरिका ने 44 प्रतिशत टैरिफ लगाया है. 

ब्रिटेन के फॉकलैंड द्वीप - जनसंख्या 3,200 लोग और लगभग दस लाख पेंगुइन - को विशेष सजा मिली. यह दक्षिण अटलांटिक क्षेत्र में बसा है और 1982 में अर्जेंटीना के आक्रमण को खदेड़ने के लिए ब्रिटेन द्वारा लड़े गए युद्ध के लिए प्रसिद्ध है. इसे अमेरिका को निर्यात पर 41 प्रतिशत के टैरिफ देना होगा. वहीं अर्जेंटीना को केवल 10 प्रतिशत नए टैरिफ का सामना करना पड़ेगा. फॉकलैंड्स चैंबर ऑफ कॉमर्स के अनुसार, वैश्विक निर्यात के मामले में यह क्षेत्र दुनिया में 173वें स्थान पर है, 2019 में केवल 306 मिलियन डॉलर के उत्पादों का निर्यात किया गया. इसमें मोलस्क के 255 मिलियन डॉलर और फ्रोजन मछली के 30 मिलियन डॉलर के निर्यात शामिल थे.

(इनपुट- एएफपी)

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