वाशिंगटन:
अमेरिका के विभिन्न विश्वविद्यालयों में पढ़ाई कर रहे भारतीय छात्र सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे और भ्रष्टाचार के खिलाफ उनके आंदोलन के समर्थन में आ गए हैं। 35 छात्रों का एक समूह रविवार को भारत की राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन सौंपने के लिए वाशिंगटन स्थित भारतीय दूतावास पहुंचा। छात्रों द्वारा हस्ताक्षरित ज्ञापन में कहा गया है, प्रवासी भारतीय नागरिक होने के नाते हम भारत सरकार के रवैये की साफ तौर पर निंदा करते हैं और इस मामले में आपसे हस्तक्षेप की मांग करते हैं। ज्ञापन में कहा गया है, हमारा मानना है कि भ्रष्टाचार पर रोक लगाने में विफल इस सरकार ने अपने नागरिकों को संवैधानिक अधिकार से वंचित कर शासन का नैतिक अधिकार खो दिया है। इसी तरह के ज्ञापन अमेरिका में विभिन्न भारतीय वाणिज्य दूतावास में भी सौंपे जा रहे हैं। अमेरिका के मेरीलैंड विश्वविद्यालय में पीएचडी के छात्र आशुतोष गुप्ता हजारे के समर्थन में विभिन्न सोशल नेटवर्किंग साइटों के जरिए इंटरनेट पर अभियान छेड़ने के लिए भारतीय छात्रों को एकजुट करने पर ज्यादा वक्त बिता रहे हैं। आशुतोष ने विश्वविद्यालय परिसर में सपोर्ट अन्ना अभियान के लिए छात्रों को एकत्र करने के बाद कहा, समूचा देश इससे (भ्रष्टाचार) शर्मिंदा हैं। यद्यपि हम अपनी मातृभूमि से काफी दूर हैं लेकिन एक भारतीय होने के नाते भ्रष्टाचार के खिलाफ इस आंदोलन का समर्थन करना हमारी जिम्मेदारी है। विश्वविद्यालय में पीएचडी की पढ़ाई कर रहे एक अन्य छात्र उमंग अग्रवाल ने कहा, छात्र होने के नाते हम यहां धन नहीं जुटा सकते और भारत में चल रहे आंदोलन में शामिल नहीं हो सकते लेकिन कम से कम हम अन्ना हजारे के साथ एकजुटता तो प्रदर्शित कर सकते हैं। आशुतोष ने बताया कि भारतीय छात्रों ने आज से वाशिंगटन स्थित भारतीय दूतावास के सामने मौन विरोध प्रदर्शित करने के लिए धरना देने की योजना बनाई है।
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अन्ना हजारे, भ्रष्टाचार, आंदोलन