चीन ने हाइपरसोनिक हथियार (Hypersonic weapon) से मिसाइल का परीक्षण किया है. फाइनेंसियल टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, चीन ने इसी वर्ष जुलाई में किए गए टेस्ट में 'टारगेट' को भेदा. रिपोर्ट के अनुसार, अमेरिकी रक्षा विभाग के मुख्यालय पेंटागन ने इस परीक्षण को लेकर हैरानी जताई है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि किसी देश के पास यह क्षमता नहीं है. ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, खुफिया जानकारी से वाफिक लोगों के हवाले से अखबार ने (Financial Times) ने बताया कि चीन की ओर से लांच किए गए हाइपरसोनिक ग्लाइड व्हीकल (hypersonic glide vehicle) ने ध्वनि की गति से पांच गुना अधिक गति से दक्षिण चीन सागर के ऊपर projectile दागा.
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कुछ सैन्य विशेषज्ञों का मानना है कि एयर-टु-एयर मिसाइल फायर की गई थी जबकि अ न्य के मुताबिक, यह एक रक्षात्मक उपाय (countermeasure) था जो मिसाइल डिफेंस सिस्टम की हाइपरसोनिक वेपन को ले जाने की उस क्षमता को नुकसान पहुंचा सकता है जो जंग के दौरान न्यूक्लियर वारहैड ले जा सकती हैं.
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गौरतलब है कि फाइनेंसियल टाइम्स ने पिछले माह रिपोर्ट दी थी कि चीन ने 27 जुलाई और इसके बाद 13 अगस्त को हाइपरसोनिक हथियार (Hypersonic weapon) टेस्ट किए, इन टेस्ट ने बीजिंग की बढ़ती सैन्य क्षमता को लेकर वॉशिंगटन की चिंता बढ़ा दी है. चीन के विदेश मंत्रालय का कहना है कि उनके देश में एक रूटीन अंतरिक्ष यान का परीक्षण किया है. यदि चीन के हाइपरसोनिक हथियार (Hypersonic weapon) परीक्षण की पुष्टि होती है तो इससे यह पता चलेगा कि राष्ट्रपति शी चिनफिंग (Xi Jinping) ऑरबिटल स्ट्राइक का तरीका,अमेरिका की बैलेस्टिक मिसाइल को 'काउंटर' करेंगे. पिछले साल अमेरिकी नौसेना ने सफलतापूर्वक मॉक इंटर कांटिनेंटल बैलेस्टिक मिसाइल को 'इंटरसेप्ट' किया था.
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