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This Article is From Mar 21, 2024

"विधायिका को कोई अधिकार नहीं...": अबॉर्शन कानून पर अमेरिकी सीनेटर का दमदार भाषण

सीनेटर ईवा ने 2022 के अपने चुनाव अभियान के दौरान भी अप्रभावी गर्भावस्था की वजह से अपने पिछले अबॉर्शन (US Senator On Abortion) पर खुलकर बात करते हुए उस कष्टदायक अनुभव को याद किया.

"विधायिका को कोई अधिकार नहीं...": अबॉर्शन कानून पर अमेरिकी सीनेटर का दमदार भाषण
अबॉर्शन पर अमेरिकी सीनेटर की दमदार स्पीच.
नई दिल्ली:

अमेरिका की एक सीनेटर ने हाल ही में अपने अबॉर्शन (US Senator On Abortion) कराने के फैसले को अपने सहयोगियों और जनता के साथ साझा किया. सीनेटर ने बताया कि किस तरह से प्रेग्नेंसी के लिए सक्षम न होने की वजह से उन्हें अबॉर्शन का फैसला लेना पड़ा. एरिज़ोना में सीनेट के पटल पर उनके खुलासे ने राज्य में अबॉर्शन बैन पर परेशानियों को उजागर किया. डेमोक्रेटिक पार्टी से पहली बार की सीनेटर और पूर्व नर्स प्रैक्टिशनर ईवा बर्च ने फर्टिलिटी को लेकर अपनी टफ जर्नी को शेयर किया, जिसमें उनका पिछला अबॉर्शन भी शामिल था. इस मुद्दे पर बोलने का उनका फैसला एरिजोना के अबॉर्शन कानूनों के परिणामों को उजागर करना था, जिसे सच में वह "आउट ऑफ टच" मानती हैं.

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अमेरिकी सीनेटर की अबॉर्शन हिस्ट्री 

ईवा बर्च ने सोमवार को अपनी स्पीच में कहा, "अबॉर्शन केयर की तरफ देखने वालों के लिए कोई एक आकार-फिट-सभी स्क्रिप्ट नहीं है, और विधायिका के पास इसे सौंपने का कोई अधिकार नहीं है." बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब ईवा ने अपनी अबॉर्शन हिस्ट्री पर बात की. 2022 के अपने चुनाव अभियान के दौरान, उन्होंने अप्रभावी गर्भावस्था की वजह से अपने पिछले अबॉर्शन पर खुलकर बात की थी. ईवा बर्च ने उस कष्टदायक अनुभव को याद किया जब डॉक्टर अबॉर्शन शुरू करने से पहले उनकी गंभीर हालत देख रहे थे.

एरिज़ोना में 15 हफ्ते के अबॉर्शन पर बैन

बता दें कि फिलहाल, एरिज़ोना में 15 हफ्ते के अबॉर्शन पर बैन लागू है. जबकि राज्य का सुप्रीम कोर्ट 19वीं सदी के कानून की संभावित बहाली पर विचार-विमर्श कर रहा है, जिसके तहत प्रेग्नेंट महिला के जीवन के खतरे को छोड़कर सभी अबॉर्शन को प्रभावी ढंग से गैरकानूनी घोषित कर सकता है. 

डेमोक्रेटिक के अबॉर्शन बिल पर अब तक सुनवाई नहीं

डेमोक्रेटिक के गर्भपात अधिकारों वाले बिल पेश करने की कोशिशों के बावजूद, इन प्रस्तावों पर अभी तक समिति ने सुनवाई नहीं की है. प्रस्तावित विधेयक के तहत करीब 24 हफ्ते तक अबॉर्शन के अधिकारों की रक्षा होगी, जबकि मेटरनल हेल्थ या लाइफ थ्रेटन सिचुएशन के मामलों में बाद में अबॉर्शन की परमिशन दी जाएगी. 

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