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अमेरिका-चीन का टैरिफ वॉर होगा खत्म! समझिए जिनेवा में हाथ मिलाना ट्रंप-जिनपिंग, दोनों की मजबूरी क्यों

US-China Trade Deal: अमेरिका और चीन ने जिनेवा में अपनी उच्च-स्तरीय व्यापार वार्ता को सकारात्मक रुख के साथ समाप्त किया है. जानिए किन बातों पर सहमति बनी है और क्या कुछ अभी बताया नहीं गया है.

अमेरिका-चीन का टैरिफ वॉर होगा खत्म! समझिए जिनेवा में हाथ मिलाना ट्रंप-जिनपिंग, दोनों की मजबूरी क्यों
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और चीनी राष्ट्रपित शी जिनपिंग

मेरिका और चीन के बीच जारी टैरिफ युद्ध आखिरकार खत्म होने के कगार पर आ गया है. अमेरिका और चीन ने जिनेवा में अपनी उच्च-स्तरीय व्यापार वार्ता को सकारात्मक रुख (US-China Trade Deal) के साथ समाप्त किया है. जहां अमेरिकी अधिकारियों ने अमेरिकी व्यापार घाटे को कम करने के लिए दोनों देशों के बीच एक "डील" की बात कही. वहीं चीनी अधिकारियों ने कहा कि दोनों देश "महत्वपूर्ण सहमति" पर पहुंच गए हैं और एक और नया आर्थिक वार्ता मंच शुरू करने पर सहमत हुए हैं.

हालांकि स्विट्जरलैंड के जिनेवा में दो दिनों की वार्ता खत्म होने के बाद किसी भी देश की तरफ से कोई डिटेल जारी नहीं किया गया है. चीनी उपप्रधानमंत्री हे लिफेंग ने कहा कि सोमवार को जिनेवा में एक संयुक्त बयान जारी किया जाएगा. इसमें बताया जाएगा कि किन बातों पर सहमति बनी है. चीन के उप वाणिज्य मंत्री ली चेंगगांग ने कहा कि इसमें "दुनिया के लिए अच्छी खबर" होगी. वहीं अमेरिकी ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेंट और व्यापार प्रतिनिधि जेमिसन ग्रीर ने कहा कि दोनों देशों के बीच बातचीत में "पर्याप्त प्रगति" हुई है. बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार जैमिसन ग्रीर ने कहा, "हमने अपने चीनी साझेदारों के साथ जो समझौता किया है" उससे अमेरिका के $1.2 ट्रिलियन (£901 बिलियन) व्यापार घाटे को कम करने में मदद मिलेगी. उन्होंने भी कहा कि दोनों के बीच क्या सहमति बनी है, इसके डिटेल्स सोमवार को घोषित किए जाएंगें.

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क्या 145% और 125% टैरिफ से पीछे हटेंगे दोनों देश?

जनवरी में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा चीन के खिलाफ भारी टैरिफ लगाए जाने के बाद दोनों देशों के बीच ट्रेड पर यह पहली बैठक थी. चीनी उपप्रधानमंत्री हे लिफेंग और अमेरिकी ट्रेजरी सचिव स्कॉट बेसेंट की यह जोड़ी पूरे वीकेंड गुप्त रूप से बंद कमरे में चर्चा में लगी रही.

राष्ट्रपति ट्रंप ने अपनी टैरिफ नीति के रूप में चीनी आयात पर 145% टैरिफ लगाया है, जिसके जवाब में बीजिंग ने कुछ अमेरिकी सामानों पर 125% टैरिफ लगाया था. पत्रकारों के साथ अलग-अलग ब्रीफिंग में, किसी भी देश की तरफ से यह नहीं साफ किया गया कि अमेरिका और चीन एक-दूसरे के सामानों पर लगाए इन उच्च टैरिफ को कम करने पर सहमत हुए हैं या नहीं.

चीन और अमेरिका बातचीत के लिए बनाएंगे मंच

रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार जेमिसन ग्रीर ने कहा कि अमेरिका और चीन व्यापार और आर्थिक मुद्दों पर बातचीत के लिए एक नया कंसल्टेशन मैकेनिज्म (जहां बैठकर आपसी सहमति से मुद्दों को सुलझा सकें) स्थापित करने पर सहमत हुए हैं. चीन और अमेरिका ने हाल के दशकों में व्यापार और आर्थिक मतभेदों को सुलझाने की कोशिश करने के लिए कई ऐसे कंसल्टेशन बॉडी बनाए हैं, जिसमें इकनॉमिक वर्किंग ग्रूप भी शामिल है, जिसे पूर्व राष्ट्रपति जो बाइडेन के ट्रेजरी सचिव जेनेट येलेन ने 2023 में चीन वाइस प्रीमियर के साथ स्थापित किया था.

ट्रेड डील से दोनों को फायदा

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चीन के साथ अपने टैरिफ युद्ध को खत्म करना चाह रहे हैं. वजह है कि ट्रंप के नेतृत्व में अमेरिका की अर्थव्यवस्था को झटका लगा है. साल के पहले तीन महीनों में अमेरिकी अर्थव्यवस्था में कोई तेजी नहीं आई है, उल्टे यह सिकुड़ती हुई पाई गई- 0.3% की वार्षिक दर से अर्थव्यवस्था में गिरावट आई है. वहीं ट्रंप के टैरिफ की मार चीन भी झेल रहा है. पिछले महीने, बीबीसी ने रिपोर्ट छापी की चीनी निर्यातक अमेरिका के टैरिफ से संघर्ष कर रहे थे. सोरबो टेक्नोलॉजी ना की एक कंपनी ने बताया कि उसके आधे प्रोडक्ट आम तौर पर अमेरिका को बेचे जाते थे लेकिन अब वो चीन के एक गोदाम में बक्सों में रखे हुए थे.

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