न्यूयार्क:
भारत 19 साल के अंतराल के बाद संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में दो वर्ष के कार्यकाल के लिए बतौर अस्थाई सदस्य शामिल हो गया है। भारत को अस्थाई सदस्यता मिलने के बाद उम्मीद की जा सकती है कि इस शक्तिसंपन्न समूह में जगह बनाने के साथ ही भारत न केवल प्रमुख वैश्विक भूमिका निभाएगा बल्कि इससे उसका स्थाई सदस्यता हासिल करने का रास्ता भी साफ होगा। एक जनवरी से जर्मनी, पुर्तगाल, दक्षिण अफ्रीका और कोलंबिया के साथ भारत इस 15 सदस्यीय निकाय का पांचवां अस्थाई सदस्य बन गया है। अब प्रमुख वैश्विक मुद्दों पर भारत के रवैये पर संयुक्त राष्ट्र के सदस्यों के अलावा समूह के पांच स्थायी सदस्य देशों की भी नजर रहेगी। अमेरिका भी नई दिल्ली के रुख पर गौर करेगा और ईरान जैसे बड़े मुद्दों पर उसका समर्थन हासिल करना चाहेगा। अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा पहले ही भारत के सुरक्षा परिषद में स्थाई सदस्यता के दावे का समर्थन कर चुके हैं। संयुक्त राष्ट्र में भारत के राजदूत हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि नई दिल्ली मानवाधिकार जैसे कई अंतरराष्ट्रीय मुद्दों पर नये नजरिये के साथ शक्तिसंपन्न ढांचे में काम करने के लिये तैयार है।
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