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क्या महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं रह गए हैं उनके घर, क्या कहती है संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट

संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि दुनिया में होने वाली महिलाओं और लड़कियों की हत्या में से करीब 60 फीसदी मामलों में उनके परिजन या पार्टनर ही शामिल थे. रिपोर्ट के मुताबिक बीते साल 2023 में इस तरह की 140 हत्याएं रोज दर्ज की गईं.

क्या महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं रह गए हैं उनके घर, क्या कहती है संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट
नई दिल्ली:

संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के मुताबिक 2023 में 51 हजार से अधिक महिलाओं की हत्या उनके परिजनों या पार्टनर ने ही कर दी. रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल प्रतिदिन औसतन 140 महिलाओं की हत्या उनके परिजनों या पार्टनर ने कर दी थी.इससे एक साल पहले 2022 में दुनिया भर में इस तरह करीब 49 हजार महिलाएं मारी गई थीं.इस तरह की सबसे अधिक हत्याएं अफ्रीकी देशों में दर्ज की गईं.उसके बाद एशिया की नंबर आता है. रिपोर्ट कहती है कि महिलाओं और लड़कियों के लिए उनके घर ही सबसे असुरक्षित स्थान बन गए हैं. इस रिपोर्ट को तैयार करने वाले विशेषज्ञों ने 112 देशों से मिले आंकड़ों का विश्लेषण किया.

प्रतिदिन कितनी महिलाओं की हुई हत्या

इस रिपोर्ट को संयुक्त राष्ट्र की संस्था यूनाइटेड नेशन ऑफिस ऑन ड्रग्स एंड क्राइम और यूएन वुमेन ने साझा तौर पर तैयार किया है. इसके मुताबिक 2023 में दुनियाभर में करीब 85 हजार महिलाओं की हत्या की गई.इनमें से करीब 60 फीसदी हत्याएं मारी गई महिलाओं के परिजनों या उनके पार्टनर ने ही की थी. इसका मतलब यह हुआ कि रोज करीब 140 महिलाओं की हत्या उनके परिजनों या पार्टनर ने ही कर दी थी.इस तरह की हत्याओं में से करीब 21 हजार 700 हत्याएं अफ्रीकी देशों में दर्ज की गईं.इस तरह की हत्याओं में अफ्रीकी देश दुनिया में सबसे आगे हैं.एशिया में इस तरह की साढ़े 18 हजार हत्याएं दर्ज की गईं.इसके अलावा अमेरिका में आठ हजार तीन सौ, यूरोप में 23 सौ और ओशियाई देशों में 300 हत्याएं दर्ज की गईं. 

वहीं अगर इस तरह की हत्याओं की महिला पुरुष के बीच अंतर के रूप में देखें तो केवल 11.8 फीसदी पुरुषों की ही हत्या उनके परिजनों या पार्टनर ने की.वहीं महिलाओं के मामले में यह संख्या 60.2 फीसदी है.   

किन देशों में होती है महिलाओं की सबसे अधिक हत्या 

परिजनों या पार्टनर द्वारा महिलाओं और लड़कियों की हत्या के अलावा भी उनकी हत्याओं के कई और कारण भी हैं. लिंग के आधार पर होने वाली हत्याओं का पता लगाने के लिए कई देशों ने यूएनओडीसी-यूएन वुमेन स्टैटिकल फ्रेमवर्क लागू किया है. इससे लिंग के आधार पर होने वाली हत्याओं का पता लगाना आसान हुआ है. उदाहरण के लिए 2019 से 2022 के दौरान फ्रांस में हुई महिलाओं और लड़कियों की हत्याओं के 79 फीसदी मामलों को उनके परिजनों या पार्टनर ने अंजाम दिया.वहीं अफ्रीका में 2020-2021 में महिलाओं-लड़कियों की हत्या के 9 फीसदी मामलों में भी घर से बाहर के लोग शामिल थे. 

पर्याप्त डेटा की कमी के कारण अमेरिका और यूरोप को छोड़कर दुनिया के दूसरे हिस्सों में परिजनों या पार्टनर द्वारा महिलाओं की हत्या में आए बदलाव की निगरानी नहीं हो पाती है. इस वजह से परिजनों या पार्टनर द्वारा महिलाओं और लड़कियों की हत्याओं की दर 2010 से स्थिर बनी हुई है.केवल यूरोप में ही 2010 से 2023 के बीच इसके दर में गिरावट दर्ज की गई है.इसे उत्तरी, पूर्वी और दक्षिणी यूरोप के देशों में देखा जा सकता है. 

हत्या से पहले कितनी महिलाओं ने की थी उत्पीड़न की शिकायत

अमेरिका और यूरोप में इस तरह से मारी गई महिलाओं या लड़कियों में सबसे अधिक पार्टनर द्वारा मारी गई थीं.यूरोप में 2023 में 64 फीसदी महिलाओं और लड़कियों की हत्या उनके पार्टनर ने की.वहीं अमेरिका में ऐसी हत्याओं की संख्या 58 फीसदी थी. उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक दुनिया के बाकी हिस्से में 59 फीसदी की हत्याएं परिजनों और 41 फीसदी हत्याएं उनके पार्टनर ने की थी. 

फ्रांस, दक्षिण अफ्रीका और कोलंबिया से मिले आंकड़ों से पता चलता है कि 2014 से 2017 के जिन महिलाओं या लड़कियों की हत्या उनके अंतरंग साथियों ने की थी, उनमें से 22-37 फीसदी ने अपने अंतरंग साथियों पर पहले शारीरिक, मानसिक या यौन शोषण का आरोप लगाया था.इससे पता चलता है कि इस तरह की शिकायतों पर ध्यान देकर इस तरह की हत्याओं को रोका जा सकता है. 

जो देश अपने यहां महिलाओं या लड़कियों की उनके परिजनों या पार्टनर द्वारा हत्या के आंकड़े साझा कर रहे हैं, उन देशों में पिछले दो दशकों में इस तरह के मामले धीरे-धीरे बढ़े हैं.इस तरह के सबसे अधिक मामले 2020 में दर्ज किए गए. लेकिन ये मामले में 2023 आते-आते आधे ही रह गए. 

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