फाइल फोटो
हैम्बर्ग:
संयुक्त राष्ट्र की पंचाट ने इटली और भारत सरकारों से वर्ष 2012 में भारतीय मछुआरों की हत्या के मामले में दो इतालवी नौसैनिकों के खिलाफ सभी प्रकार की कोर्ट कार्यवाही को रोक देने तथा 24 सितंबर तक रिपोर्ट दाखिल करने के लिए कहा है।
अंतरराष्ट्रीय समुद्री कानून पंचाट (The International Tribunal on Law of the Sea) ने इस मामले को अपने अधिकार क्षेत्र के तहत आने वाला मामला भी बताया। दरअसल, इटली ने पंचाट में अपील की थी कि वह भारत को उसके नौसैनिकों के खिलाफ कार्रवाई करने से रोके। यह अपील उस संयुक्त राष्ट्र कानून के तहत की गई थी, जिसके तहत समुद्र में कोई भी घटना होने पर मामला उस देश के न्यायिक अधिकार क्षेत्र में आता है, जो जहाज़ का मालिक है।
तेल टैंकर 'एनरिका लेक्सी' (Enrica Lexie) पर तैनात नौसैनिकों मैसीमिलियानो लैटोरे (Massimiliano Latorre) और साल्वाटोर गिरोने (Salvatore Girone) पर आरोप है कि उन्होंने 15 फरवरी, 2012 को केरल के तट के निकट दो निहत्थे भारतीय मछुआरों को मार दिया था। इटली का दावा है घटना अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में हुई, और इस गलतफहमी के तहत हुई कि मछुआरों को समुद्री डाकू समझ लिया गया।
सार्जेंट गिरोने को भारत में जमानत मिल चुकी है, जबकि सार्जेंट लैटोरे को भारतीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा चिकित्सा कारणों से छह और महीने तक इटली में रहने की अनुमति दी जा चुकी है। भारत ने संयुक्त राष्ट्र पंचाट से इटली का तर्क खारिज करने का आग्रह किया था, और दावा किया था कि वारदात पूरी तरह उसके अधिकार क्षेत्र में आती है, क्योंकि वारदात उसके आर्थिक ज़ोन में हुई।
भारतीय प्रतिनिधि ने पंचाट को बताया, "नौसैनिकों ने ऑटोमैटिक हथियारों का इस्तेमाल बिना चेतावनी दिए किया, और मछुआरों के सिर और पेट में गोलियां दागीं... यह मामला समुद्री कानून को लेकर संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन के अनुच्छेद 97 के तहत नहीं आता, बल्कि यह साफ-साफ समुद्र में दोहरी हत्या का मामला है..."
अंतरराष्ट्रीय समुद्री कानून पंचाट (The International Tribunal on Law of the Sea) ने इस मामले को अपने अधिकार क्षेत्र के तहत आने वाला मामला भी बताया। दरअसल, इटली ने पंचाट में अपील की थी कि वह भारत को उसके नौसैनिकों के खिलाफ कार्रवाई करने से रोके। यह अपील उस संयुक्त राष्ट्र कानून के तहत की गई थी, जिसके तहत समुद्र में कोई भी घटना होने पर मामला उस देश के न्यायिक अधिकार क्षेत्र में आता है, जो जहाज़ का मालिक है।
तेल टैंकर 'एनरिका लेक्सी' (Enrica Lexie) पर तैनात नौसैनिकों मैसीमिलियानो लैटोरे (Massimiliano Latorre) और साल्वाटोर गिरोने (Salvatore Girone) पर आरोप है कि उन्होंने 15 फरवरी, 2012 को केरल के तट के निकट दो निहत्थे भारतीय मछुआरों को मार दिया था। इटली का दावा है घटना अंतरराष्ट्रीय जलक्षेत्र में हुई, और इस गलतफहमी के तहत हुई कि मछुआरों को समुद्री डाकू समझ लिया गया।
सार्जेंट गिरोने को भारत में जमानत मिल चुकी है, जबकि सार्जेंट लैटोरे को भारतीय सुप्रीम कोर्ट द्वारा चिकित्सा कारणों से छह और महीने तक इटली में रहने की अनुमति दी जा चुकी है। भारत ने संयुक्त राष्ट्र पंचाट से इटली का तर्क खारिज करने का आग्रह किया था, और दावा किया था कि वारदात पूरी तरह उसके अधिकार क्षेत्र में आती है, क्योंकि वारदात उसके आर्थिक ज़ोन में हुई।
भारतीय प्रतिनिधि ने पंचाट को बताया, "नौसैनिकों ने ऑटोमैटिक हथियारों का इस्तेमाल बिना चेतावनी दिए किया, और मछुआरों के सिर और पेट में गोलियां दागीं... यह मामला समुद्री कानून को लेकर संयुक्त राष्ट्र कन्वेंशन के अनुच्छेद 97 के तहत नहीं आता, बल्कि यह साफ-साफ समुद्र में दोहरी हत्या का मामला है..."
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