यूक्रेन में जन्मी कैरोलीना शिनो ने पिछले महीने जीता मिस जापान 2024 का खिताब लौटा दिया है. दरअसल, एक मैगजीन ने कैरोलिना शिनो के एक शादीशुदा व्यक्ति के साथ संबंध का खुलासा कर दिया था, जिसकी वजह से शिनो ने अपने मिस जापान के खिताब को छोड़ दिया है. बता दें कि 26 वर्षीय शिनो का जन्म यूक्रेन में हुआ है लेकिन वो जापान में ही पली-बढ़ी हैं और वह पेशे से मॉडल हैं. उन्होंने मिस जापान पेजेंट में हिस्सा लिया था और मिस जापान 2024 का खिताब भी जीता था लेकिन उनकी जिंदगी से जुड़े विवाद के बाद उन्होंने अपना खिताब लौटा दिया है. इतना ही नहीं शिनो की जीत पर कई लोगों ने यह सवाल भी किया था कि किसी ऐसे इंसान को यह खिताब कैसे दिया जा सकता है जो जापानी मूल का नहीं है.
इस मुद्दे पर बहस के बीच ही एक मैगजीन ने शिनो के एक शादीशुदा व्यक्ति के साथ रिश्ते पर स्टोरी पब्लिश की. पब्लिश की गई रिपोर्ट के मुताबिक शिनो शादीशुदा इंफ्लूएंसर और डॉक्टर Takuma Maeda के साथ रिश्ते में हैं. इस स्टोरी के सामने आने के बाद शुरुआत में पेजेंट ऑर्गेनाइजर ने शिनो को बचाने की कोशिश की थी और कहा था कि वह नहीं जानती थीं कि जिसे वो डेट कर रही हैं वो व्यक्ति शादीशुदा है. हालांकि, बाद में सामने आया कि वह जानती थीं कि Takuma Maeda शादीशुदा हैं और उन्होंने लोगों को गुमराह करने के लिए माफी भी मांगी.
जापान टाइम्स के मुताबिक, शिनो की मॉडल एजेंसी फ्री वेव ने सोमवार को बताया, ''डॉक्टर ने शुरुआत में कहा था कि वो सिंगल हैं लेकिन जब शिनो को पता चला कि वह शादीशुदा हैं तब भी उन्होंने डॉक्टर के साथ अपने रिश्ते को खत्म नहीं किया''.
मैगजीन की स्टोरी के बाद शिनो ने इंस्टाग्राम पर लोगों से माफी मांगी और लिखा, ''मैं आप सभी से मेरे कारण हुई इस परेशानी के लिए माफी मांगती हूं. मैंने उन सभी लोगों का दिल दुखाया है, जिन्होंने मेरा समर्थन किया''. उन्होंने कहा, ''मैगजीन की स्टोरी आने के बाद मैं डर के कारण सच बोल पाने की हिम्मत नहीं जुटा पाई थी.''
सोमवार को मिस जापान एसोसिएशन ने अपनी वेबसाइट पर एक स्टेटमेंट जारी किया. इसमें कहा गया है कि उन्होंने शिनो के अपना खिताब छोड़ने के अनुरोध को स्वीकार कर लिया है. इसके साथ ही एसोसिएशन ने पेजेंट कराने वाली सभी पार्टियों से भी माफी मांगी है. अब मिस जापान का खिताब पूरे साल खाली रहेगा.
गौरतलब है कि शिनो, अपनी मां की जापानी व्यक्ति के साथ हुई दूसरी शादी के बाद जापान आ गई थीं. उस वक्त शिनो महज 5 साल की थीं. वह खुद को दिल और दिमाग से जापानी मानती हैं और उनका लक्ष्य ऐसी संस्कृति को स्थापित करना है''जिसमें लोगों को उनकी शक्ल के आधार पर ना परखा जाता हो''.
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