रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध आज (मंगलवार) 13वें दिन में प्रवेश कर गया. संघर्ष के बीच दोनों देश के वार्ताकारों ने सोमवार को बातचीत की. समाचार एजेंसी एएफपी ने यूक्रेन के एक वार्ताकार के हवाले से कहा कि बेलारूस में रूस-यूक्रेन की तीसरे दौर की बैठक के "सकारात्मक नतीजे" दिखे. हालांकि, एक रूसी वार्ताकार ने कहा कि यूक्रेन के साथ वार्ता बातचीत में जिन चीजों की उम्मीदें थीं, वो फिलहाल "पूरी नहीं हुई" हैं.
यूक्रेन के राष्ट्रपति भवन के सलाहकार ने कहा है कि बचाव निकासी के रास्तों को खोलने में तीसरे दौर की बातचीत में कुछ प्रगति हुई है.
रूस के प्रमुख वार्ताकार व्लादिमिर मेदिन्सकी ने कहा कि रूस की बातचीत से जो उम्मीद थी वो "पूरी नहीं हुई". अगले दौर की वार्ता गुरुवार को तुर्की में होगी.
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर ज़ेलेंस्की ने रूस पर आरोप लगाया है कि वो टैंकों, रॉकेट लॉन्चरों और बारूदी सुरंगो का प्रयोग कर मानवीय रास्तों से नागरिकों की निकासी में बाधा डाल रहे हैं.
रूस ने चेतावनी दी है कि अगर पश्चिम ने यूक्रेन पर हमले के कारण उससे तेल का आयात बंद किया तो तेल के दाम $300 प्रति बैरल तक बढ़ सकते हैं और वो जर्मनी के लिए अपनी गैस पाइपलाइन भी बंद कर सकता है.
अमेरिका और उसके सहयोगियों ने संयुक्त राष्ट्र की बैठक में रूस से अपील की है कि वो युद्धग्रस्त इलाकों में फंसे नागरिकों को सुरक्षित निकलने देने के लिए रास्ते दे.
चीन ने सोमवार को यूक्रेन में मानवीय सहायता देने का वादा किया, लेकिन कहा कि रूस के साथ उसकी दोस्ती "पत्थर की तरह पक्की" है.
अमेरिकी रक्षामंत्रालय के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा कि रूस की सेना ने पिछले कुछ दिनों में "कुछ खास प्रगति" नहीं की है.
यूरोप के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि अगर रूस का हमला जारी रहता है तो यूक्रेन से 50 लाख लोग पलायन कर सकते हैं. संयुक्त राष्ट्र की शरणार्थियों पर काम करने वाली संस्था का कहना है कि अब तक यूक्रेन से 17 लाख लोग पलायन कर चुके हैं.
बचाव के दो विफल प्रयासों के बावजूद हजारों लोग अब भी बिना पानी और बिजली के दक्षिणी बंदरगाह मारियुपोल में फंसे हैं.
यूक्रेन के सैनिक और पलायन कर रहे नागरिक कीव के उत्तरपश्चिमी छोर पर भयंकर युद्ध के बारे में बयां करते हुए कहते हैं- सड़कों पर लड़ाईयां हो रही हैं और आमने-सामने की भिड़ंत हो रही है.लोगों को डर है कि यह जल्द ही राजधानी में भी हो सकता है.