यूक्रेन (Ukraine)के सुमी (Sumy) इलाके में फंसे 700 भारतीय छात्र (Indian Students) पिछले कई दिनों से निकाले जाने की अपील कर रहे हैं. भारतीय अधिकारियों की ओर से छात्रों को सूचना दी जा रही है कि जल्द से जल्द रूस-यूक्रेन युद्द के बीच से निकाला जाएगा. इस बीच सुमी में भारतीय छात्रों को किसी भी समय निकलने की पूरी तैयार रखने को कहा गया है. इस बीच रूस ने सुमी और कीव समेत 4 शहरों में अस्थाई युद्धविराम की घोषणा की है. सुमी में फंसे भारतीय छात्रों को पूरी उम्मीद है कि इस युद्धविराम में भारतीय अधिकारी उन्हें सुमी से निकाल लेंगे. युद्ध की भयावहता देखते हुए भारत छात्रों की सुरक्षा को लेकर कोई जोखिम नहीं उठाना चाहता. सूत्रों ने बताया कि सुमी में भारतीय छात्रों को लेने के लिए बस पहुंचने वाली हैं. भारतीय छात्रों को सुमी से निकालने के लिए रेडक्रॉस की मदद ली जा रही है. सुमी से बॉर्डर के बीच की यात्रा पूरी करने के लिए छात्रों को कुछ बातों का ख़ास ख्याल रखने को कहा गया है. सुमी (Sumy) से निकलने के लिए छात्र रखें इन बातों का ख़्याल:-
- छात्र अपने दोनों हाथों पर अपना ब्लड ग्रुप बड़े-बड़े अक्षरों में लिख कर रखें
- बस में इयरफोन का इस्तेमाल ना किया जाए और पूरी यात्रा को दौरान छात्र चौकन्ना रहें
- सुमी से निकलने के लिए सेना की तरह बडी सिस्टम अपनाएं, जिसमें दो छात्र हरदम साथ रहेंगे और किसी भी स्तिथी में एक -दूसरे का साथ नहीं छोड़ेंगे.
- सुमी से निकलने के लिए छात्रों और ग्रुप लीडर्स के बीच क्लिर कम्युनिकेशन रहे. किसी भी कन्फ्यूजन का शिकार होने से बचें.
- किसी भी छात्र को पीछे छोड़ा ना जाए, अधिक से अधिक छात्र एक दूसरे के संपर्क में रहें
- सुमी से निकलने के लिए छात्र जितना हो सके, अधिक से अधिक राशन, पानी इकठ्ठा करके रखें.
- सुमी से निकल रहे छात्र कुछ ज़रूरी सामान अपने साथ रखें , जैसे- कुछ कपड़े, हल्के कंबल, मोजे, प्राथमिक उपचार किट, डायरी, पेन, चार्जर, पावरबैंक और अपना लैपटॉप.
- बताया जा रहा है कि सुमी से छात्रों को पोल्टावा ले जाया जाएगा. सुमी से पोल्टावा की दूरी 175 किलोमीटर की है.
यूक्रेन की रूस से लगते उत्तर-पूर्वी इलाके सुमी में करीब 600-700 भारतीय छात्र फंसे हुए हैं. यहां रेलवे लाइनें रूस की एयर स्ट्राइक के कारण टूट गई हैं और छात्र अपनी सुरक्षा को लेकर बेहद चिंतित हैं. इस बीच छात्रों के पास खाने-पीने का सामान ख़त्म होता जा रहा है. भारी गोलाबारी के बाद नलों में पानी आना बंद हो चुका है. छात्रों के लिए पीने के पानी की भी दिक्कत हो रही है. ऐसे में मेडिकल के छात्रों ने बाहर गिर रही बर्फ जमा कर पीने के पानी का इंतजाम करना शुरु कर दिया है. लेकिन छात्रों के पास पर्याप्त पानी जमा करने के साधन भी नहीं हैं. सुमी में मौजद भारतीय छात्र बेहद घबराए हुए हैं. कई दिनों बाद भी मदद ना मिल पाने पर उनका सब्र टूटता जा रहा है. सुमी से अगर छात्र अपने आप निकलना चाहें तो उनके पास पैसा नहीं है और बाहर एटीएम में कैश नहीं है. सुमी में मौजूद छात्रों तक अभी कोई मदद नहीं पहुंच पाई है.
इससे पहले एक वीडियो भेज यह बताया था कि कैसे भारतीय छात्र माइनस के तापमान में बाहर निकलकर बर्फ इकठ्ठा कर रहे थे, ताकि उनके पानी का इंतज़ाम हो पाए.