ब्रिटेन (UK) में मंहगाई ने 40 साल के रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. ब्रिटेन में कंज्यूमर प्राइस इंडेक्स (CPI) बुधवार को 10.1 प्रतिशत पर पहुंच गई. महंगाई बढ़ने के पीछे ताजा कारण खाने की वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोतरी रहा. ऑफिस फॉर नेशनल स्टेटिस्टिक्स ने बताया कि जरूरी खाने के सामान की वार्षिक महंगाई दर 12.7 % के आसपास पहुंच गई है. यह जून में 9.8 प्रतिशत थी. ब्रिटेन में ब्रेड, दूध, चीज़ और अंडों की कीमतों में बढ़ोतरी इस महंगाई का कारण बनी. यह ताजा आंकड़े ऐसे समय आए हैं जब ऊर्जा की बिजली के बिलों के बढ़ने से लोग परेशान हैं और देश में रहने की कीमत बढ़ती ही जा रही है.
ऑफिस फॉर नेशनल स्टेटिस्टिक्स के चीफ इकॉनमिस्ट ग्रांट फिट्ज़नर ने कहा, " इस महीने कई सामानों की कीमतों में बढ़ोतरी ने एक बार फिर महंगाई दर बढ़ा दी."
उन्होंने कहा, " खाने की कीमतें खास तौर से बढ़ी हैं. अधिकतर बेकरी उत्पाद, डेयरी, मीट और सब्जियां महंगी हो गई हैं. पालतू जानवरों के खाने, टॉयलेट रोल, टूथब्रथ और डियोड्रेंट जैसे सामानों की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण भी जुलाई में महंगाई बढ़ी."
उन्होंने कहा, "अधिक मांग के कारण हॉलीडे पैकेज के दाम भी बढ़े हैं. जबकि पिछले साल इस समय इनकी मांग में कमी आई थी. हवाईजहाज के किराए में भी बढ़ोतरी हुई है. कच्ची सामग्री और फैक्ट्री के सामान दोनों की ही कीमतें बढ़ती जा रही हैं जो कि मेटल और खाने के दामों में बढ़ोतरी के कारण है.
ताजा आंकड़े ब्रिटिश सरकार पर और दबाव डालेंगे. इससे सरकार पर पहले से ही संकट झेल रहे परिवारों की मदद का दबाव और बढ़ेगा. हालांकि ग्रीस में छुट्टियां मना रहे जाने वाले प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन की तरफ से किसी नई पॉलिसी की घोषणा की उम्मीद नहीं है जब तक कि 5 सितंबर के बाद 10 डाउनिंग स्ट्रीट को नया प्रधानमंत्री नहीं मिल जाता.
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