फाइल फोटो
लंदन:
ब्रिटेन की सरकार ने यूरोपीय संघ से बाहर के प्रवासियों पर लगाम लगाने के अंग के तौर पर कुशल कामगारों के लिए न्यूनतम वेतन बढ़ाने और वर्क परमिट की संख्या सीमित करने की योजना पेश की है, जिससे भारतीय प्रभावित हो सकते हैं।
प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने संसद में इन योजनाओं की घोषणा की, जिन्हें घरेलू कामगारों को विदेशी कामगारों की मार से बचाने के लिए तैयार किया गया है और यह सरकार की एपरेंटिशशिप की संख्या बढ़ाने की पहल का हिस्सा है।
न्यूनतम वेतन बढ़ाना, काम के परमिट की संख्या सीमित करना और प्रवासी कामगारों को रखने वाली कंपनियों के लिए नए कारोबारी कर लागू करने जैसी पहल से कई कंपनियां भारत जैसे देशों के पेशेवर नहीं रख पाएंगी।
प्रवासियों की संख्या घटाकर एक लाख करने के 2010 के कैमरन के चुनावी वायदे के बावजूद शुद्ध आव्रजन 10 साल के उच्चतम स्तर 3,18,000 पर है।
प्रधानमंत्री डेविड कैमरन ने संसद में इन योजनाओं की घोषणा की, जिन्हें घरेलू कामगारों को विदेशी कामगारों की मार से बचाने के लिए तैयार किया गया है और यह सरकार की एपरेंटिशशिप की संख्या बढ़ाने की पहल का हिस्सा है।
न्यूनतम वेतन बढ़ाना, काम के परमिट की संख्या सीमित करना और प्रवासी कामगारों को रखने वाली कंपनियों के लिए नए कारोबारी कर लागू करने जैसी पहल से कई कंपनियां भारत जैसे देशों के पेशेवर नहीं रख पाएंगी।
प्रवासियों की संख्या घटाकर एक लाख करने के 2010 के कैमरन के चुनावी वायदे के बावजूद शुद्ध आव्रजन 10 साल के उच्चतम स्तर 3,18,000 पर है।
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