यूएई ने भारतीय गेहूं के निर्यात, पुनर्निर्यात को चार महीने के लिए निलंबित किया

संयुक्त अरब अमीरात और भारत ने फरवरी में एक व्यापक व्यापार और निवेश समझौते पर हस्ताक्षर किए थे.

यूएई ने भारतीय गेहूं के निर्यात, पुनर्निर्यात को चार महीने के लिए निलंबित किया

संयुक्त अरब अमीरात और भारत ने फरवरी में एक व्यापक व्यापार और निवेश समझौता किया था.

दुबई:

संयुक्‍त अरब अमीरात (UAE) ने भारत से आने वाले गेहूं और गेहूं के आटे के निर्यात और पुनर्निर्यात को चार माह के लिए सस्‍पेंड करने का आदेश दिया है. यूएई की एजेंसी डब्‍ल्‍यूएएम ने बुधवार को यह जानकारी दी. गौरतलब है कि भारत, गेहूं का दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा उत्‍पादक देश है.  रॉयटर्स की खबर के अनुसार खाड़ी के देशों की इकोनॉमी मिनिस्‍ट्री ने इस फैसले का कारण वैश्विक व्‍यापार के प्रवाह में आई रुकावट बताया है, हालांकि उसने यह भी कहा कि भारत ने घरेलू खपत के लिए यूएई को गेहूं के निर्यात की मंजूरी दी थी.    

गौरतलब है कि पहले से जारी लेटर ऑफ क्रेडिट(LCs) और खाद्य सुरक्षा सुनिश्‍चित करने वाले देशों को छोड़कर, भारत ने गेहूं के निर्यात पर 14 मई को प्रतिबंध लगा दिया था. इसके बाद से इसने 469,202 टन गेहूं के शिपमेंट (लदान) को मंजूरी दी है. एक बयान में कहा गया है कि 13 मई से पहले यूएई में लाए गए भारतीय गेहूं का निर्यात या पुन: निर्यात करने की इच्छा रखने वाली कंपनियों को पहले इकोनॉमी मिनिस्‍ट्री को आवेदन करना होगा.

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संयुक्त अरब अमीरात और भारत ने फरवरी में एक व्यापक व्यापार और निवेश समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. जो कि एक-दूसरे के सामानों पर सभी शुल्कों की कटौती से जुड़ा हुआ था. इसका मकसद पांच वर्षों के भीतर अपने वार्षिक व्यापार को 100 अरब डॉलर तक बढ़ाना है. व्यापक आर्थिक भागीदारी व्यापार समझौते (सीईपीए) के रूप में जाना जाने वाला ये समझौता 1 मई को प्रभावी हुआ.

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