आतंकियों ने साल 2011 में लाहौर से शहबाज का अपहरण किया था
नई दिल्ली:
पाकिस्तान में पंजाब के दिवंगत गर्वनर सलमान तासीर के बेटे शहबाज तासीर का कहना है कि चरमपंथ अब एक वैश्विक समस्य बन गई है और सरकार को इसके खिलाफ कदम उठाना चाहिए। आतंकियों द्वारा करीब साढ़े चार साल तक बंधक बनाकर रखे गए शहबाज ने एनडीटीवी से बातचीत में यह बात कही।
चरमपंथी उसे पालने वाले हाथ को भी काटेगा
शहवाज पर आतंकियों द्वारा ढाए गए जुल्म की दास्तां दुनिया भर में सुर्खियां बनी हुई है। उन्होंने बताया कि आतंकियों ने उन्हें कोड़े मारे, ब्लेड से उनका शरीर काटा, उनके नाखून निकाल दिए और उन जख्मों पर नमक तक छिड़कते थे। अपनी आपबीती सुनाते हुए एनडीटीवी से उन्होंने कहा, 'मुझे एहसास हुए कि मेरा पाला इंसानों से नहीं पड़ा है, तो मुझसे भी इंसानों जैसा व्यवहार नहीं करेंगे... एक चरमपंथी हमेशा उसे पालने वाले हाथ को काटेगा।'
उन्होंने कहा, 'हमें, एक राष्ट्र और इंसान होने के नाते, यह समझना चाहिए कि यह हमेशा चलता नहीं रह सकता। लोग यह नहीं कह सकते कि यह पाकिस्तान की समस्या है, यह एक वैश्विक समस्या है। सरकार में बैठे लोगों को साथ मिल कर बैठना चाहिए और इस समस्या का समाधान ढूंढ़ना चाहिए।'
आतंकियों ने ढाए ढेरों जुल्म सितम
शहवाज खुद पर ढाए गए जुल्मों के बारे में बात करते हुए कहते हैं, 'शारीरिक प्रताड़ना को सहन करना मानसिक यातनाओं से आसान था, क्योंकि शारीरिक प्रताड़ना का दर्द थोड़े वक्त के बाद चला जाता है। उन्होंने मुझे गालियां दी, मेरे पिता को गालियां दी... वे मेरा जज्बा तोड़ने की कोशिश कर रहे थे।'
गौरतलब है कि शहबाज को आतंकियों ने करीब साढ़े चार वर्षों तक बंधक बनाए रखा था और इस दौरान उन्हें अफगानिस्तान और पाकिस्तान के कबायली इलाकों में कई जगहों पर रखा। उनका कहना है कि इस दौरान खुदा और उनके 'पिता की यादों' ने उन्हें जिंदा रखा।
आतंकियों ने 32 वर्षीय शहबाज को साल 2011 में लाहौर से अगवा कर लिया था। इससे कुछ महीने पहले उनके पिता सलमान तासीर की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी।
चरमपंथी उसे पालने वाले हाथ को भी काटेगा
शहवाज पर आतंकियों द्वारा ढाए गए जुल्म की दास्तां दुनिया भर में सुर्खियां बनी हुई है। उन्होंने बताया कि आतंकियों ने उन्हें कोड़े मारे, ब्लेड से उनका शरीर काटा, उनके नाखून निकाल दिए और उन जख्मों पर नमक तक छिड़कते थे। अपनी आपबीती सुनाते हुए एनडीटीवी से उन्होंने कहा, 'मुझे एहसास हुए कि मेरा पाला इंसानों से नहीं पड़ा है, तो मुझसे भी इंसानों जैसा व्यवहार नहीं करेंगे... एक चरमपंथी हमेशा उसे पालने वाले हाथ को काटेगा।'
उन्होंने कहा, 'हमें, एक राष्ट्र और इंसान होने के नाते, यह समझना चाहिए कि यह हमेशा चलता नहीं रह सकता। लोग यह नहीं कह सकते कि यह पाकिस्तान की समस्या है, यह एक वैश्विक समस्या है। सरकार में बैठे लोगों को साथ मिल कर बैठना चाहिए और इस समस्या का समाधान ढूंढ़ना चाहिए।'
आतंकियों ने ढाए ढेरों जुल्म सितम
शहवाज खुद पर ढाए गए जुल्मों के बारे में बात करते हुए कहते हैं, 'शारीरिक प्रताड़ना को सहन करना मानसिक यातनाओं से आसान था, क्योंकि शारीरिक प्रताड़ना का दर्द थोड़े वक्त के बाद चला जाता है। उन्होंने मुझे गालियां दी, मेरे पिता को गालियां दी... वे मेरा जज्बा तोड़ने की कोशिश कर रहे थे।'
गौरतलब है कि शहबाज को आतंकियों ने करीब साढ़े चार वर्षों तक बंधक बनाए रखा था और इस दौरान उन्हें अफगानिस्तान और पाकिस्तान के कबायली इलाकों में कई जगहों पर रखा। उनका कहना है कि इस दौरान खुदा और उनके 'पिता की यादों' ने उन्हें जिंदा रखा।
आतंकियों ने 32 वर्षीय शहबाज को साल 2011 में लाहौर से अगवा कर लिया था। इससे कुछ महीने पहले उनके पिता सलमान तासीर की गोली मार कर हत्या कर दी गई थी।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं