
ब्रिटेन के पूर्व प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर (फाइल फोटो)।
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इराक युद्ध में ब्रिटेन के शामिल होने को बताया गैरकानूनी।
युद्ध के फैसले को बताया दोषपूर्ण जानकारियों के आधार पर लिया गया फैसला।
2003 में हुआ था युद्ध, 2009 में शुरु हुई थी जांच।
वर्ष 2003 में जब ब्रिटेन ने अमेरिका के नेतृत्व में इराक के खिलाफ युद्ध में हिस्सा लिया, तब की लेबर सरकार में दूसरे नंबर की हैसियत रखने वाले जॉन प्रेस्कॉट ने ‘‘संडे मिरर’’ अखबार में प्रकाशित एक लेख में कहा है कि इराक युद्ध गैरकानूनी था।
अंतिम उपाय नहीं था युद्ध
इराक युद्ध को लेकर हुई एक जांच की शिलकॉट रिपोर्ट में जंग में शामिल होने के तत्कालीन प्रधानमंत्री टोनी ब्लेयर के फैसले को दोषपूर्ण ठहराते हुए कहा गया है कि साल 2003 में इराक के तानाशाह सद्दाम हुसैन को अपदस्थ करने के लिए अमेरिका के नेतृत्व में हुए हमले में ब्रिटेन का शामिल होना अंतिम उपाय नहीं था और यह दोषपूर्ण खुफिया जानकारी पर आधारित था।
हमले से 8 महीने पहले टोनी ने बुश को लिखा था पत्र
साल 2009 में शुरू की गई आधिकारिक जांच के अध्यक्ष जॉन शिलकॉट ने कहा कि ब्रिटेन ने इराक पर हमले में शामिल होने से पहले सभी शांतिपूर्ण विकल्पों को नहीं तलाशा था। शिलकॉट की जांच रिपोर्ट में कहा गया कि ब्लेयर ने तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति जार्ज डब्ल्यू बुश को हमले से आठ महीने पहले एक संदेश भेजा था, जिसमें लिखा था, ‘‘जो भी हो, मैं आपके साथ रहूंगा।’’
(हेडलाइन के अलावा, इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है, यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है।)
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