तेहरान:
ईरान ने शुक्रवार को स्पष्ट किया कि इसके परमाणु कार्यक्रमों की अंतरराष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी द्वारा जांच की समय सीमा तय की जानी चाहिए। उसने पश्चिमी ताकतों पर आरोप लगाया कि उन्होंने परमाणु निगरानी संस्था पर ‘भारी राजनीतिक दबाव’ बनाया है।
राजनीतिक एवं अंतरराष्ट्रीय अध्ययन संस्थान के महानिदेशक और परमाणु समझौता दल के सदस्य मुस्तफा दौलतयार ने कहा कि ईरान परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) का ‘जिम्मेदार सदस्य’ है और इसके साथ संधि के किसी अन्य सदस्य की भांति ही व्यवहार किए जाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि उनका देश परमाणु हथियार विकसित नहीं कर रहा है और अमेरिका एवं अन्य पश्चिमी देशों पर आरोप लगाया कि वे आईएईए एवं इसके महानिदेशक पर ‘राजनीतिक दबाव’ बना रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘पश्चिमी देशों का राजनीतिक एजेंडा होता है। हम जांच को तैयार हैं। लेकिन इसके लिए समय सीमा होनी चाहिए। अगर वे गिरोह के रूप में ऐसा करना चाहते हैं तो निश्चित रूप से ऐसा संभव नहीं है। छह महीने बाद वे फिर कह सकते हैं कि वे फिर से दौरा करना चाहते हैं। अगर ऐसा मामला है तो यह खत्म होने वाला नहीं है।’’
दौलतयार ने कहा कि परमाणु हथियार का कोई उपयोग नहीं है और उन्होंने रूस, इस्राइल, भारत और पाकिस्तान जैसे देशों का उदाहरण दिया जिनके पास परमाणु हथियार हैं लेकिन ‘अपने मतभेदों को सुलझाने के लिए’ उनका उपयोग नहीं कर सकते।
राजनीतिक एवं अंतरराष्ट्रीय अध्ययन संस्थान के महानिदेशक और परमाणु समझौता दल के सदस्य मुस्तफा दौलतयार ने कहा कि ईरान परमाणु अप्रसार संधि (एनपीटी) का ‘जिम्मेदार सदस्य’ है और इसके साथ संधि के किसी अन्य सदस्य की भांति ही व्यवहार किए जाने की जरूरत है।
उन्होंने कहा कि उनका देश परमाणु हथियार विकसित नहीं कर रहा है और अमेरिका एवं अन्य पश्चिमी देशों पर आरोप लगाया कि वे आईएईए एवं इसके महानिदेशक पर ‘राजनीतिक दबाव’ बना रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘पश्चिमी देशों का राजनीतिक एजेंडा होता है। हम जांच को तैयार हैं। लेकिन इसके लिए समय सीमा होनी चाहिए। अगर वे गिरोह के रूप में ऐसा करना चाहते हैं तो निश्चित रूप से ऐसा संभव नहीं है। छह महीने बाद वे फिर कह सकते हैं कि वे फिर से दौरा करना चाहते हैं। अगर ऐसा मामला है तो यह खत्म होने वाला नहीं है।’’
दौलतयार ने कहा कि परमाणु हथियार का कोई उपयोग नहीं है और उन्होंने रूस, इस्राइल, भारत और पाकिस्तान जैसे देशों का उदाहरण दिया जिनके पास परमाणु हथियार हैं लेकिन ‘अपने मतभेदों को सुलझाने के लिए’ उनका उपयोग नहीं कर सकते।
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