धर्मशाला:
तिब्बत की निर्वासित सरकार के नव निर्वाचित प्रधानमंत्री लोबसांग सांगेय सोमवार को प्रधानमंत्री पद की शपथ लेंगे। अमेरिका ने उन्हें बधाई दी है और इसके साथ ही दुनियाभर में बसे तिब्बतियों की ओर से उन्हें बधाइयों का तांता लग गया है। नए प्रधानमंत्री को लेकर दुनियाभर में बसे तिब्बतियों में बेहद उत्साह है। सांगेय का शपथ-ग्रहण त्सुगलगखांग मंदिर में सोमवार सुबह नौ बजे होगा। तिब्बत की निर्वासित सरकार के प्रवक्ता थुबतन सैम्फेल ने कहा, "शपथ-ग्रहण समारोह ऐतिहासिक अवसर होगा। अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया में बसे तिब्बती समुदाय के लोग भी समारोह में हिस्सा लेंगे।" वहीं, सांगेय ने कहा, "पुरानी पीढ़ी की बढ़ती उम्र के साथ यह युवाओं की जिम्मेदारी है कि वे आंदोलन को आगे बढ़ाएं और तिब्बती समस्या का समाधान निकालें।" सांगेय के शपथ-ग्रहण समारोह में हिस्सा लेने के लिए लोग विदेशों से यहां पहुंच रहे हैं। अमेरिका से यहां आए मार्क बेकर ने कहा, "मैं युवा और ऊर्जावान नेता को बधाई तथा शुभकामना देने अमेरिका से विशेष रूप से यहां आया हूं। मैं बहुत खुश हूं कि अब युवा पीढ़ी तिब्बत की आजादी की लड़ाई को आगे बढ़ाएगी। यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम सांगेय को समर्थन दें।" एक दुकानदार सोनम त्सेरिंग ने कहा, "प्रमुख जिम्मेदारियां अब कालों त्रिपा (निर्वासित सरकार के प्रधानमंत्री) के कंधों पर हैं। उन्हें सार्वजनिक कामकाज का अनुभव कम है। लेकिन हमें अच्छे परिणाम की उम्मीद है।" सांगेय को अमेरिका ने भी शपथ-ग्रहण की पूर्व संध्या पर बधाई दी है। 'सेंट्रल तिब्बतन एडमिनिस्ट्रेशन' की वेबसाइट में बताया गया है कि कनेक्टिकट के सीनेटर जोसेफ लीबरमैन ने अपने बधाई संदेश में कहा, "मैं सांगेय को लोकतांत्रिक तरीके से कालों त्रिपा चुने जाने पर तहेदिल से बधाई देता हूं।" अमेरिकी कांग्रेस के एक अन्य सदस्य जेम्स पी. मैक्गवर्न ने भी अमेरिकी प्रतिनिधि सभा में पिछले सप्ताह अपने सम्बोधन के दौरान सांगेय को बधाई दी और कहा, "सांगेय ने बेहद कठिन दौर में सेंट्रल तिब्बत एडमिनिस्ट्रेशन के मुख्य कार्यकारी अधिकारी के रूप में कार्यभार सम्भाला है। उनके कंधों पर निर्वासित जीवन बिता रहे तिब्बती समुदाय के लोगों की बड़ी जिम्मेदारी है।" दुनियाभर से इंटरनेट के जरिये भी लोग सांगेय को बधाई संदेश भेज रहे हैं। रविवार को ट्विटर पर उनके 104 अनुयायी थे। एक तिब्बती कार्यकर्ता तेनजिन त्सुंदे ने लिखा, "आपके नेतृत्व में तिब्बत की एक नई शुरुआत हो रही।" ग्यात्सो थपटन ने लिखा है, "मैंने न्यूयार्क स्थित एशिया सोसाइटी में आपका भाषण सुना। मुझे लगता है आपने जो कुछ भी कहा, वह चीनी और तिब्बती दोनों समुदाय के लोगों के लिए उपयोगी है।" पसांग त्सेरिंग ने लिखा, "काश आपके शपथ-ग्रहण समारोह का सीधा प्रसारण होता तो हर जगह मौजूद प्रत्येक व्यक्ति इस ऐतिहासिक अवसर का गवाह बनता।" शिवापा कुंकयाब पासंग तेनजिन ने नवनिर्वाचित प्रधानमंत्री को 'क्रांतिकारी' नेता बताते हुए लिखा है, "तिब्बती समुदाय के लोग अब आपको स्वतंत्र तिब्बत के पहले प्रधानमंत्री या राष्ट्रपति के रूप में देखना चाहते हैं!" दलाई लामा (76) के सक्रिय राजनीति से संन्यास लेने और 30 मई को अपने राजनीतिक अधिकार छोड़ने के बाद नए कालों त्रिपा बनने जा रहे सांगेय समधांग रिनपोछे का स्थान लेंगे। भारत में जन्मे सांगेय (43) ने हार्वर्ड लॉ स्कूल से पढ़ाई की है। निर्वासित सरकार के प्रधानमंत्री के रूप में रिनपोछे के पास सीमित अधिकार थे। वह रजनीतिक सत्ता के प्रतीक मात्र थे। उनके कार्यकाल में सारी शक्ति आध्यात्मिक नेता दलाई लामा में निहित थी और वही महत्वपूर्ण फैसले लिया करते थे। दलाई लामा सहित करीब 1,00,000 तिब्बती नागरिक यहां निर्वासित जीवन व्यतीत कर रहे हैं।
NDTV.in पर ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें, व देश के कोने-कोने से और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं
तिब्बत, सांगेय, प्रधानमंत्री, पद, शपथ