
इस्लामाबाद:
लड़कियों की शिक्षा के लिए आवाज उठाने वाली पाकिस्तानी किशोरी मलाला यूसुफजई पर हुए तालिबान के हमले के बाद उसके पिता द्वारा संचालित स्कूल को मिली धमकियों के चलते वहां छात्राओं की संख्या कम हो गई है।
‘द न्यूज’ की खबर में कहा गया है कि मलाला पर हुए हमले के बाद मीडिया में उसके पिता द्वारा संचालित स्कूल संबंधी खबरें आने से अभिभावक और छात्राएं खतरा महसूस कर रहे हैं। स्कूल के प्रशासन के सदस्यों के हवाले से कहा गया है कि संस्थान को धमकी भी मिल रही है।
खुशाल पब्लिक स्कूल की प्राचार्य मरियम ने पुष्टि की कि संस्थान को मलाला और उसकी सहपाठियों शाजिया रमजान तथा कायनात अहमद पर 9 अक्तूबर को हमला किए जाने के बाद धमकियां मिली हैं।
प्राचार्य ने कहा कि प्रशासन ने मीडिया के स्कूल की छात्राओं से बात करने पर रोक लगा दी है। यहां आने वाली छात्राओं की संख्या भी कम हो गई है।
मरियम के अनुसार, कुछ लड़कियों ने दूसरे स्कूलों में दाखिला ले लिया है जबकि कुछ मीडिया के कवरेज से डरी हुई हैं।
उन्होंने कहा, यही वजह है कि हम मीडिया को छात्राओं से बात करने की अनुमति नहीं दे रहे हैं। स्कूल के प्रशासक इकबाल हुसैन ने कहा कि मीडिया की वजह से स्कूल की ख्याति धूमिल हुई है।
मलाला के पिता जियाउद्दीन यूसुफजई ने प्रशासन को आदेश दिया है कि वह मीडिया को स्कूल के मामलों में हस्तक्षेप करने और कक्षाओं में जाने की अनुमति न दें क्योंकि इससे छात्राएं को व्यवधान होता है।
पिछले सप्ताह स्वात घाटी के मिंगोरा शहर में 14 वर्षीय मलाला पर तालिबान उग्रवादियों ने हमला किया था। गोली लगने से गंभीर रूप से घायल मलाला का पेशावर में ऑपरेशन कर रीढ़ की हड्डी के पास से गोली निकाली गई। फिर उसे बेहतर इलाज के लिए विमान से बर्मिंघम के अस्पताल ले जाया गया।
‘द न्यूज’ की खबर में कहा गया है कि मलाला पर हुए हमले के बाद मीडिया में उसके पिता द्वारा संचालित स्कूल संबंधी खबरें आने से अभिभावक और छात्राएं खतरा महसूस कर रहे हैं। स्कूल के प्रशासन के सदस्यों के हवाले से कहा गया है कि संस्थान को धमकी भी मिल रही है।
खुशाल पब्लिक स्कूल की प्राचार्य मरियम ने पुष्टि की कि संस्थान को मलाला और उसकी सहपाठियों शाजिया रमजान तथा कायनात अहमद पर 9 अक्तूबर को हमला किए जाने के बाद धमकियां मिली हैं।
प्राचार्य ने कहा कि प्रशासन ने मीडिया के स्कूल की छात्राओं से बात करने पर रोक लगा दी है। यहां आने वाली छात्राओं की संख्या भी कम हो गई है।
मरियम के अनुसार, कुछ लड़कियों ने दूसरे स्कूलों में दाखिला ले लिया है जबकि कुछ मीडिया के कवरेज से डरी हुई हैं।
उन्होंने कहा, यही वजह है कि हम मीडिया को छात्राओं से बात करने की अनुमति नहीं दे रहे हैं। स्कूल के प्रशासक इकबाल हुसैन ने कहा कि मीडिया की वजह से स्कूल की ख्याति धूमिल हुई है।
मलाला के पिता जियाउद्दीन यूसुफजई ने प्रशासन को आदेश दिया है कि वह मीडिया को स्कूल के मामलों में हस्तक्षेप करने और कक्षाओं में जाने की अनुमति न दें क्योंकि इससे छात्राएं को व्यवधान होता है।
पिछले सप्ताह स्वात घाटी के मिंगोरा शहर में 14 वर्षीय मलाला पर तालिबान उग्रवादियों ने हमला किया था। गोली लगने से गंभीर रूप से घायल मलाला का पेशावर में ऑपरेशन कर रीढ़ की हड्डी के पास से गोली निकाली गई। फिर उसे बेहतर इलाज के लिए विमान से बर्मिंघम के अस्पताल ले जाया गया।
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