Israel-Gaza War: राफा पर इजरायल (Israel) के हमले के बाद से तमाम सवाल उठ रहे हैं. पूर्वी राफा से लोगों को मध्य राफा, मध्य गाजा (Gaza) की तरफ जाने को कहा गया है. जब इजरायल के ऑपरेशन की शुरुआत हुई तो उत्तरी गाजा से लोगों को पहले निकाला गया और मध्य गाजा भेजा गया. इसके बाद दक्षिणी गाजा भेजा गया. अब दक्षिणी गाजा के शहर राफा में इजरायल सैन्य ऑपरेशन शुरू कर रहा है. हालांकि इजरायल ने अभी पूर्वी राफा में सैन्य अभियान की शुरुआत किए जाने की बात की है तो वहां से लोगों को दूसरे स्थानों पर भेजा जा रहा है.
उत्तरी गाजा में जब सैन्य अभियान की शुरुआत हुई तो वहां से करीब 11 लाख फिलिस्तीनियों को मध्य गाजा में जाने के लिए कहा गया. वे देर ए बलान, खान यूनुस इलाके में पहुंचे. उत्तरी गाजा में जैसे-जैसे सैन्य ऑपरेशन बढ़ता गया, इजरायल की सेना लोगों को दक्षिणी गाजा की तरफ भेजती गई. उत्तरी और दक्षिणी गाजा पट्टी के बीच उसने विभाजन रेखा बना दी. इसके बाद इजरायल ने अब तक दक्षिण से लोगों को उत्तरी इलाके में जाने देने की इजाजत नहीं दी है.
राफा को देखें तो इसका एक हिस्सा गाजा में है और दूसरा मिस्र के इलाके में है. यानी मिस्र में भी एक राफा है. इजरायल की ओर से पूर्वी राफा के इलाके में ऑपरेशन की बात की गई है. ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि केरम शलोम चेक पोस्ट पर गाजा की तरफ से जो हमला हुआ तो इजरायल को एक मौका मिल गया कि वह वहां पर जाए.
लोगों को पहले से ही नेस्ताबूद खान इलाके में जाने को कहा गया
पूर्वी राफा इलाके में इजरायली सेना (IDF) का ऑपरेशन अभी जारी है. यहां से लोगों को खान यूनुस और अलमवासी इलाके में कन्संट्रेट करने के लिए कहा गया है. इजरायल ने खान यूनुस के अलमवासी इलाके को सेफ जोन कहा है. उसने ज्यादा से ज्यादा लोगों को इस इलाके में जाने के लिए कहा है. पूर्वी राफा से लोगों को खान यूनुस के इलाके में जाने को कहा गया है.
खान यूनुस का इलाका पहले से ही नेस्ताबूद है, क्योंकि वहां पर जमीनी अभियान चलाया जा चुका है. राफा के इस इलाके में करीब 14 लाख लोग हैं जिनमें से 10 से 11 लाख शरणार्थी हैं जो अलग-अलग इलाकों से वहां पहुंचे थे. इन शरणार्थियों के दोबारा विस्थापित होने की नौबत आ गई है, जिसको लेकर सवाल उठ रहे हैं.
पलायन करने वालों की सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं
पूर्वी राफा से लोगों को खान यूनुस के इलाके में सुरक्षित जाने को कहा गया है. हालांकि वहां भी सुरक्षा की कोई गारंटी नहीं है, क्योंकि जिस तरह से इजरायल के अलग-अलग हिस्सों में ऑपरेशन चल रहे हैं उसमें उसे जहां से भी यह सूचना मिलती है कि वहां हमास के आतंकी या लड़ाके मौजूद हो सकते हैं, वहां वह हमला करता है. इन हमलों की जद में आने वाले आम लोगों की भी जानें जाती हैं.
हालांकि मिस्र को इस बात का भी भरोसा है कि गाजा के लोग उसके हिस्से के राफा यानी अल सिनाई प्राविंस में नहीं आएंगे, क्योंकि एक बार अगर वे गाजा छोड़कर गए तो उनकी गाजा वापसी मुश्किल हो जाएगी. तो यह ऐसा ताजा संकट है जिसमें करीब 15 लाख लोगों को फिर से विस्थापित होना पड़ेगा.
सीमा क्षेत्र पर इजरायल का कब्जा, राहत सामग्री कैसे पहुंचे?
इजिप्ट बॉर्डर से सटे इलाके केरम शलोम में हमले के बाद इजरायल ने यह ऑपरेशन शुरू किया. राफा बॉर्डर के जरिए मिस्र के सटे इलाके से राहत सामग्री आती थी. इस बॉर्डर पर अब इजरायल का कब्जा हो चुका है. इजरायल की डिफेंस फोर्स वहां पर इजरायली झंडा फहरा चुकी है. इसके बाद सवाल उठ रहा है कि अब यहां पर राहत सामग्री कैसे आएगी? राहत सामग्री साउथ गाजा से मध्य गाजा होते हुए उत्तरी गाजा को ओर जाती थी. अब सप्लाई रुक गई है. इससे अब एक मानवीय त्रासदी की स्थिति बनती जा रही है.
केरेम शलोम के पास हमले के बाद इस सीमा को इजरायल की तरफ से बंद कर दिया गया है. तो यहां पर एक तरफ बमबारी, ऑपरेशन का खतरा है तो दूसरी तरफ राहत सामग्री के न पहुंच पाने का भी संकट है. इन सब स्थितियों को मिलाकर देखें तो आने वाला समय बहुत मुश्किल भरा होने जा रहा है.
दुनिया के कई देश, चाहे वह अमेरिका हो, इजिप्ट हो.. इन सबने इजरायल को मना किया कि आप ग्राउंड ऑपरेशन मत कीजिए, लेकिन इजरायल का कहना है कि जब से उसका ऑपरेशन शुरू हुआ, तब से पांच से सात हजार लड़ाके राफा में छुपे हुए हैं. वे वहां से हमला कर रहे हैं. इसलिए उनको नेस्तनाबूद करने के लिए यहां ऑपरेशन जरूरी है. बेंजामिन नेतन्याहू बार-बार कह चुके हैं कि राफा में सैन्य अभियान के बिना हमास का खात्मा नहीं होगा. हमास अपने आपको फिर से रिग्रोअप कर लेगा और फिर से इजरायल के लिए खतरा बनेगा.
इन हालात में गाजा के करीब 27 किलोमीटर लंबे और करीब तीन मील औसत चौड़े इलाके में बसी करीब 23 लाख आबादी के लिए जान का खतरा है. उनके सामने भुखमरी की स्थिति है. इसको लेकर संयुक्त राष्ट्र (UN) बार-बार सचेत कर रहा है.
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