तालिबानी आतंकी (फाइल फोटो)
काबुल:
तालिबान ने शनिवार को अफगान सरकार के साथ लंबे समय से अवरुद्ध शांति वार्ता को बहाल करने से इंकार कर दिया और बातचीत करने के लिए अपनी कुछ शर्तें रख दीं। यह अफगानिस्तान में 14 साल के चरमपंथ का खात्मा करने के लिए बातचीत शुरू करने के अंतरराष्ट्रीय प्रयासों के लिए बड़ा झटका है।
तालिबान ने बयान जारी कर बातचीत बहाल करने के प्रस्ताव को उस वक्त ठुकराया है जब यह उम्मीद की जा रही थी कि इसी सप्ताह इस्लामाबाद में आमने-सामने की बातचीत आरंभ होगी।
बातचीत के लिए अनेक शर्तें
संगठन ने एक बयान में कहा, ‘हम अपना यह रुख फिर से स्पष्ट करना चाहते हैं कि जब तक विदेशी सैनिकों का कब्जा खत्म नहीं हो जाता, जब तक अंतरराष्ट्रीय प्रतिंबंधित सूची से तालिबान के नामों को हटा नहीं लिया जाता और जब तक कैदियों की रिहाई नहीं हो जाती तब तक बातचीत का कोई नतीज नहीं निकलेगा।’ इससे अफगानिस्तान, चीन, पाकिस्तान और अमेरिका की ओर से बातचीत आरंभ करने के प्रयासों को झटका लगा है। इन चारों देशों के प्रतिनिधियों ने पिछले महीने काबुल में बैठक की थी।
(इस खबर को एनडीटीवी टीम ने संपादित नहीं किया है. यह सिंडीकेट फीड से सीधे प्रकाशित की गई है)
तालिबान ने बयान जारी कर बातचीत बहाल करने के प्रस्ताव को उस वक्त ठुकराया है जब यह उम्मीद की जा रही थी कि इसी सप्ताह इस्लामाबाद में आमने-सामने की बातचीत आरंभ होगी।
बातचीत के लिए अनेक शर्तें
संगठन ने एक बयान में कहा, ‘हम अपना यह रुख फिर से स्पष्ट करना चाहते हैं कि जब तक विदेशी सैनिकों का कब्जा खत्म नहीं हो जाता, जब तक अंतरराष्ट्रीय प्रतिंबंधित सूची से तालिबान के नामों को हटा नहीं लिया जाता और जब तक कैदियों की रिहाई नहीं हो जाती तब तक बातचीत का कोई नतीज नहीं निकलेगा।’ इससे अफगानिस्तान, चीन, पाकिस्तान और अमेरिका की ओर से बातचीत आरंभ करने के प्रयासों को झटका लगा है। इन चारों देशों के प्रतिनिधियों ने पिछले महीने काबुल में बैठक की थी।
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