प्रतीकात्मक फोटो
मेलबोर्न:
स्मार्टफोन का जलवा पांच साल में खत्म हो जाएगा और उसकी जगह आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस ले लेगा। यह बात एरिक्सन के कंज्यूमरलैब द्वारा उपभोक्ताओं के बीच किए गए एक सर्वेक्षण रिपोर्ट में कही गई है। समाचार पत्र 'सिडनी मॉर्निग हेराल्ड' के मुताबिक, सर्वेक्षण में आधे लोगों ने कहा कि उनके विचार से मोबाइल प्रौद्योगिकी 2021 तक बेकार हो जाएगी, क्योंकि आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस में हो रहे विकास से बगैर फोन या टैबलेट के विभिन्न वस्तुओं से संवाद करना संभव हो जाएगा।
एरिक्सन कंज्यूमरलैब के रेबेका सेडरिंग एंग्स्ट्रॉम ने कहा कि हाथ में स्मार्टफोन रखना उतना व्यावहारिक नहीं। खासकर जब आप कार चला रहे हों या खाना पका रहे हों। कई मौकों पर डिस्प्ले स्क्रीन उतना अच्छा नहीं होता है। इसलिए हर दो में से एक का यह सोचना है कि अगले पांच साल में स्मार्टफोन पुरानी चीज हो जाएगी।"
सर्वेक्षण में स्वीडन तथा 39 अन्य देशों के करीब 1,00,000 लोगों से पूछताछ की गई। दुनियाभर में स्मार्टफोन का उपयोग करने वालों की संख्या करीब 1.9 अरब है, जिसका अर्थ यह हुआ कि कंज्यूमरलैब ने अपने अध्ययन में इस आबादी के महज 0.0052 फीसदी लोगों को लिया।
एरिक्सन कंज्यूमरलैब के रेबेका सेडरिंग एंग्स्ट्रॉम ने कहा कि हाथ में स्मार्टफोन रखना उतना व्यावहारिक नहीं। खासकर जब आप कार चला रहे हों या खाना पका रहे हों। कई मौकों पर डिस्प्ले स्क्रीन उतना अच्छा नहीं होता है। इसलिए हर दो में से एक का यह सोचना है कि अगले पांच साल में स्मार्टफोन पुरानी चीज हो जाएगी।"
सर्वेक्षण में स्वीडन तथा 39 अन्य देशों के करीब 1,00,000 लोगों से पूछताछ की गई। दुनियाभर में स्मार्टफोन का उपयोग करने वालों की संख्या करीब 1.9 अरब है, जिसका अर्थ यह हुआ कि कंज्यूमरलैब ने अपने अध्ययन में इस आबादी के महज 0.0052 फीसदी लोगों को लिया।
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