अमेरिका भले ही अल-कायदा को परास्त करने में काफी हद तक कामयाब रहा हैं, लेकिन इसके सहयोगी और अनुयायी अब भी इसके लिए खतरा बने हुए हैं।
व्हाइट हाउस की एक शीर्ष अधिकारी ने यह बात कही है।
राष्ट्रीय सुरक्षा और आतंक निरोधी विभाग में अमेरिकी राष्ट्रपति की सहायक लीजा मोनैको ने कहा, हमारी कई सफलताओं के बावजूद दुर्भाग्यवश हकीकत यही है कि यहां हमेशा खतरा बना रहेगा। ओसामा बिन लादेन के मारे जाने और मूल अल-कायदा के कमजोर होने से आतंकवाद और इसके विरद्ध हमारा ध्यान कम नहीं हुआ है।
न्यूयॉर्क युनिवर्सिटी स्कूल ऑफ लॉ में ‘अमेरिका की आतंक विरोधी रणनीति’ पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा, आतंकवादी हमारे राजनयिक केंद्रों, हमारे व्यापार और हमारे नागरिकों पर हमला करना जारी रखेंगे और हम जानते हैं कि मूल अल-कायदा और एक्यूएपी (अरब प्रायद्वीप में मौजूद अल-कायदा) जैसे इसके सहयोगी हमारे देश पर हमले के लिए दृढ़ हैं। उन्होंने कहा, हम एक नई दिशा से भी इसके उभरने का खतरा देख रहे हैं, विशेष रूप से सीरिया में अलकायदा से जुड़े समूहों से, जो वहां असद सरकार और विद्रोही शक्तियों के बीच हो रहे संघर्ष के बीच शक्तिशाली हो रहे हैं। ओबामा की इस शीर्ष विश्वासपात्र ने कहा कि अमेरिकी रणनीति इस काफी विविध और बिखरे हुए आतंकी खतरे से निपटने के लिए मेजबान देशों, सहयोगियों के साथ साझेदारी की प्रतिबद्धता और अपनी सरकार की विशेषज्ञता को दर्शाती है।
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