नई दिल्ली:
पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में काम कर रहे आतंकवादी संगठन यूनाइटेड जेहाद काउंसिल की कई चिट्ठियां एनडीटीवी को मिली हैं। इनसे पता चलता है कि किस तरह सरहद पार से आतंकियों की घुसपैठ और उनके हमलों की योजना तैयार की जाती रही है, कैसे रूट तय किए जाते हैं।
इनमें से ज्यादातर चिट्ठियां नवंबर 2011 में लिखी गईं। एक चिट्ठी लश्कर-ए-तैयबा के नाम भी है। एक दूसरी चिट्ठी पाकिस्तानी फौज की आजाद जम्मू−कश्मीर ब्रिगेड के नाम है। इन चिट्ठियों में सलाह दी गई है कि आतंकी भारत के फौजी शिविरों, पूजा स्थलों और वीआईपीज पर हमले करें।
लश्कर-ए-तैयबा इनके लिए किसी हाल में जिम्मेदारी न ले। अगर आतंकी समूह भारतीय फौज की जद में आ जाएं तो पाकिस्तानी सेना को कवरिंग फायर करना चाहिए और पाक कब्जे वाले कश्मीर में ट्रेनिंग लेने वाले आतंकी रात से पहले लॉन्चिंग कैंप में लौट आएं।
इनमें से ज्यादातर चिट्ठियां नवंबर 2011 में लिखी गईं। एक चिट्ठी लश्कर-ए-तैयबा के नाम भी है। एक दूसरी चिट्ठी पाकिस्तानी फौज की आजाद जम्मू−कश्मीर ब्रिगेड के नाम है। इन चिट्ठियों में सलाह दी गई है कि आतंकी भारत के फौजी शिविरों, पूजा स्थलों और वीआईपीज पर हमले करें।
लश्कर-ए-तैयबा इनके लिए किसी हाल में जिम्मेदारी न ले। अगर आतंकी समूह भारतीय फौज की जद में आ जाएं तो पाकिस्तानी सेना को कवरिंग फायर करना चाहिए और पाक कब्जे वाले कश्मीर में ट्रेनिंग लेने वाले आतंकी रात से पहले लॉन्चिंग कैंप में लौट आएं।
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