भारत में पाकिस्तान के उच्चायुक्त अब्दुल बासित ने रविवार को कहा कि उनका देश कश्मीर मुद्दे पर भारत से बातचीत ठप नहीं होने देना चाहता। दोनों देशों को मामले को निपटाने के लिए ईमानदार प्रयास करना चाहिए।
द्विपक्षीय वार्ता के एक बार फिर शुरू होने की उम्मीद जताते हुए उन्होंने कहा कि अंत में दोनों देशों को एक दूसरे से बातचीत करनी ही होगी।
उन्होंने कहा, "हम दोनों ही देशों के लिए जम्मू और कश्मीर एक समस्या है और इसका समाधान होना चाहिए। पूर्व में बातचीत प्रक्रिया में शामिल होकर हम भी इस समस्या को निपटाना चाहते थे।"
हैदराबाद प्रेस क्लब में पत्रकारों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, "हमें उम्मीद है कि इस समस्या का हल हमारी आपसी संतुष्टि के आधार पर होगा, और निष्पक्ष ढंग से होगा।"
बासित ने कहा, "और भी कई मामले हैं जिन पर हमारे देशों में बातचीत चल रही है। समग्र वार्ता के ढांचे में 10 वर्ग हैं, जम्मू और कश्मीर उनमें से एक है।"
उन्होंने कहा, "हम नहीं चाहेंगे कि किसी एक मामले पर हमारे बीच वार्ता ठप हो जाए, बल्कि हम बात करना पसंद करेंगे। समस्या के निपटारे के लिए ईमानदार प्रयासों की जरूरत है और यह दोनों देशों को करना होगा।"
साथ ही उन्होंने कहा, "हमें आशावादी होना चाहिए, क्योंकि अंत में हमें एक दूसरे से बातचीत करनी ही होगी। हो सकता है यह इस साल न हो। यह अगले साल भी न हो पर अंत में दोनों देश एक दूसरे से बातचीत कर रहे होंगे।"
मोदी सरकार की पाकिस्तान को दी गई हिदायत (पाकिस्तान या तो अलगाववादियों से बात करे या फिर भारत सरकार से) पर सवाल पूछने पर पाकिस्तानी उच्चायोग ने कहा, "लगभग 20 साल पहले पाकिस्तान बातचीत के लिए शर्त रखता था, कि पहले कश्मीर मुद्दे को हल करो तब हम बात करेंगे, पर इस तरह से काम नहीं चला। हमें एक दूसरे से खुले तौर पर बात करनी होगी।"
पाकिस्तानी उच्चायुक्त के कश्मीर के अलगाववादियों से मिलने के कारण भारत ने अगस्त में विदेश सचिव स्तर की वार्ता रद्द कर दी थी।
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