अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने आरोप लगाया है कि चीन जमीनी स्तर पर अपनी ‘‘रणनीतिक स्थिति'' का अपने लाभ के लिए उपयोग कर रहा है और दूसरों के लिए खतरा पैदा कर रहा है. भारत के साथ लगी अपनी सीमा पर भी वह लंबे समय से इसी तरह की हरकत कर रहा है.
चीन-भारत सीमा पर और दक्षिण चीन सागर को लेकर चीन के आक्रामक रवैये के संबंध में ‘फॉक्स न्यूज' के साथ साक्षात्कार में एक सवाल पर पोम्पिओ ने कहा कि चीन की तरफ से पैदा किया जा रहा खतरा वास्तविक है. उन्होंने कहा , ‘‘इस दिशा में चीनी कम्युनिस्ट पार्टी लंबे समय से प्रयास कर रही है. निश्चित तौर पर जमीन पर उनको रणनीतिक स्थिति का फायदा होता है. लेकिन, आप किसी भी समस्या को चिन्हित करें तो लंबे समय से उस दिशा में वे काम कर रहे हैं.''
पोम्पिओ ने कहा कि खतरा देखें तो भारत के साथ लगी सीमा पर जो हो रहा है उसके लिए वे लंबे समय से प्रयास कर रहे हैं. चीनी कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा सेना को आगे करने के संबंध में उन्होंने कहा कि खतरा वास्तविक है.
उन्होंने कहा, ‘‘चीनी राष्ट्रपति शी चिनफिंग अपनी सेना की क्षमता बढ़ाने को लेकर प्रतिबद्ध हैं. हमारा रक्षा विभाग भी मानता है कि यह खतरा वास्तविक है. '' चीन के राष्ट्रपति चिनफिंग सेना के प्रमुख भी हैं.
पोम्पिओ ने कहा, ‘‘मैं आश्वस्त हूं कि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नेतृत्व में हमारा रक्षा विभाग, हमारी सेना, राष्ट्रीय सुरक्षा के हमारे प्रतिष्ठान हमें उस स्थिति में बनाए रखेंगे जहां हम अमेरिकी लोगों की रक्षा कर सकते हैं. भारत, ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण कोरिया, जापान, ब्राजील और यूरोप समेत दुनियाभर में हमारे सहयोगियों के साथ हमारी अच्छी भागीदारी है. ''
उन्होंने कहा कि आज की चीनी कम्युनिस्ट पार्टी दस साल पहले की पार्टी से अलग है. पोम्पिओ ने कहा, ‘‘सूची बहुत लंबी है. चाहे अमेरिका के बौद्धिक संपदा अधिकार को चुराने का मामला हो, अमेरिका में लाखों लोगों की नौकरी बर्बाद करने का मुद्दा हो, दक्षिण चीन सागर में समुद्री मार्ग में खतरा पैदा करने का हो, चीन ऐसे कई कदम उठा रहा है. साथ ही, जिन स्थानों पर सेना की तैनाती का अधिकार नहीं है वहां भी चीन उनकी तैनाती कर रहा है.'' उन्होंने कहा कि चीनी कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा उठाए गए ऐसे कदमों की सूची बहुत लंबी है.
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