सीरिया में हालात गंभीर
सीरिया:
सीरिया के विदेश मंत्री ने शनिवार को अमेरिका, फ्रांस और तुर्की के बलों की निंदा करते हुए उन्हें आक्रमणकारी बल करार दिया और मांग की कि सीरिया में अभियान चला रहे ये बल तुरंत उनके देश से चले जाएं. संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित करते हुए सीरिया के विदेश मंत्री वालिद अल-मुआलेम ने सीरियाई शरणार्थियों से घर लौटने की अपील की जबकि देश में युद्ध का यह आठवां साल है. मुआलेम देश के उप प्रधानमंत्री भी हैं. उन्होंने महासभा को संबोधित करते हुए कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के बहाने विदेशी बल अवैध रूप से सीरिया की धरती पर हैं और इसके अनुरूप ही इनसे निपटना होगा. उन्हें निश्चित रूप से तत्काल बिना किसी शर्त के हटा लिया जाना चाहिए.
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गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही संयुक्त राष्ट्र की एक रपट के मुताबिक सीरिया में सात-वर्षो के युद्ध के दौरान सात हजार से ज्यादा बच्चे मारे गए, जबकि अपुष्ट रपटों के मुताबिक मारे गए बच्चों की संख्या '20 हजार' से ज्यादा है. बच्चे और सशस्त्र संघर्ष के लिए संयुक्त राष्ट्र महासचिव की विशेष प्रतिनिधि वर्जीनिया गांबा ने सुरक्षा परिषद को संबोधित करते हुए कहा, "मैं इस संघर्ष के दौरान जन्म लिए और बड़े हुए बच्चों की कहानी सुन काफी दुखी हूं, बच्चे जिन्होंने सीरिया में कभी शांति नहीं देखी".
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सीएनएन की रपट के अनुसार, यह वर्ष खासकर सीरियाई बच्चों के लिए काफी दुखद रहा, क्योंकि उनके खिलाफ हिसा में बढ़ोतरी हुई. संयुक्त राष्ट्र की इस निगरानी संस्था ने ऐसे 1,200 मामलों की पुष्टि की है, जिनमें 600 से ज्यादा बच्चों के मारे जाने या घायल होने के बारे में बताया गया. (इनपुट भाषा से)
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गौरतलब है कि कुछ दिन पहले ही संयुक्त राष्ट्र की एक रपट के मुताबिक सीरिया में सात-वर्षो के युद्ध के दौरान सात हजार से ज्यादा बच्चे मारे गए, जबकि अपुष्ट रपटों के मुताबिक मारे गए बच्चों की संख्या '20 हजार' से ज्यादा है. बच्चे और सशस्त्र संघर्ष के लिए संयुक्त राष्ट्र महासचिव की विशेष प्रतिनिधि वर्जीनिया गांबा ने सुरक्षा परिषद को संबोधित करते हुए कहा, "मैं इस संघर्ष के दौरान जन्म लिए और बड़े हुए बच्चों की कहानी सुन काफी दुखी हूं, बच्चे जिन्होंने सीरिया में कभी शांति नहीं देखी".
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सीएनएन की रपट के अनुसार, यह वर्ष खासकर सीरियाई बच्चों के लिए काफी दुखद रहा, क्योंकि उनके खिलाफ हिसा में बढ़ोतरी हुई. संयुक्त राष्ट्र की इस निगरानी संस्था ने ऐसे 1,200 मामलों की पुष्टि की है, जिनमें 600 से ज्यादा बच्चों के मारे जाने या घायल होने के बारे में बताया गया. (इनपुट भाषा से)
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